
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, (चित्र साभार : @pushkardhami) फाइल चित्र
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आखिरकार 27 वर्षो बाद कमल खिल गया है। विधानसभा गठन के बाद वर्ष 1993 में दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी थी। पांच साल बाद 1998 में हुए चुनाव में कांग्रेस को सत्ता मिली थी और उसके बाद से भाजपा सत्ता में वापसी नहीं कर सकी थी। दिल्ली में मिली प्रचंड जीत की खुशी में शनिवार को देहरादून स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में भी उत्सव मनाया गया।
उल्लेखनीय है, कि उत्तराखंड में UCC, नकलरोधी कानून समेत अन्य ऐतिहासिक निर्णय लेकर सुर्खियों में आये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली विधानसभा में भरपूर उपयोग किया। दिल्ली चुनाव में सीएम धामी ने बतौर स्टार प्रचार 23 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में ताबड़तोड़ जन सभाएं, रोड शो और जनसंपर्क अभियान के लिए दिन-रात एक कर दिए।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद जिन 23 विधानसभा क्षेत्रों में मुख्यमंत्री धामी ने चुनाव प्रचार किया था, उनमें से 18 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में भी सीएम धामी एक बार फिर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की उम्मीदों में खरे उतरे है। इस तरह सीएम धामी के प्रचार वाली 78 फीसदी सीटों पर भाजपा जीती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विश्वास को बनाए रखने में कामयाब रहे सीएम धामी ने दिल्ली चुनाव में उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार के लाभ गिनाने के साथ ही केजरीवाल सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। बता दें, मुख्यमंत्री धामी ने दिल्ली विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के समर्थन में भी प्रचार किया था। इस सीट से प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को शिकस्त दी है।
उल्लेखनीय है, कि सीएम धामी उत्तराखंड में UCC लागू कर देश की राजनीति में एक बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं। इसके साथ ही भाजपा के केंद्रीय संगठन की नजर में उनका कद भी लगातार बढ़ रहा है। उत्तराखंड में देवभूमि के सनातन स्वरूप को बनाए रखने के साथ ही राज्य के युवाओं के बेहतर भविष्य से जुड़े कठोर फैसले लेकर सीएम धामी ने पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई है।