अल्मोड़ा बिनसर अभयारण्य में आग की चपेट में आकर चार वन विभाग के कर्मचारियों की माैत के प्रकरण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अख्तियार किया है। सीएम धामी के निर्देश पर चीफ कंजरवेटर नार्थ और डीएफओ अल्मोड़ा को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, सीसीएफ कुमाऊं को अटैच किया गया है।
Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami has said that the incident of forest workers getting injured due to forest fire in Binsar Wildlife Sanctuary is very painful. Disciplinary action has been taken against the negligent officers in this entire episode.
The Chief… pic.twitter.com/AmP8IBcnXE
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 14, 2024
सीएम धामी के आदेश के बाद शुक्रवार को जंगल की आग में गंभीर रूप से झुलसे सभी वनकर्मियों को एयरलिफ्ट करके दिल्ली भेजा गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, अल्मोड़ा बिनसर अभयारण्य वनाग्नि में झुलसे हुए वन विभाग के कर्मचारियों को शुक्रवार ( 14 जून 2024) को एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स भेजा गया है। इस दौरान हल्द्वानी के सिटी मजिस्ट्रेट एबी वाजपेयी और एसडीएम रुद्रपुर मनीष बिष्ट मौके पर मौजूद रहे।
#WATCH | Uttarakhand forest fire: A patient, Krishna Kumar airlifted from Pantnagar airport to New delhi AIIMS. Another patient, Kundan Singh Negi is ready to be moved from Susheela Tiwari Government Hospital to Pantnagar Airport.
(Video: Information Department) pic.twitter.com/PoRRNsKihx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 14, 2024
जानकारी के लिए बता दें, कि बीते गुरुवार 13 जून को अल्मोड़ा के बिनसर अभयारण्य में लगी जंगल की आग बुझाने के लिए पहुंचे वन विभाग के एक वन बीट अधिकारी, दो फायर वाचर समेत चार लोगों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि चार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बताया जा रहा है, कि आग इतनी विकराल थी, कि वनकर्मियों और पीआरडी के जवानों को आग से बचने का मौका तक नहीं मिला।
वन विभाग के उच्च अधिकारियों को जब टीम के जंगल की आग में फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई, तो क्षेत्राधिकारी मनोज सनवाल समेत अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे, तो वहां का दृश्य देखकर सहम गए। मौके पर वाहन पूरी तरह से जलकर खाक हो चुका था और अगल-बगल चार साथियों के शव पड़े थे। वहीं कुछ दूरी पर आग की चपेट में आए चार वनकर्मी स्वयं को आग से बचाने की नाकाम कोशिश करते हुए नजर आए।
वन अधिकारियों और कर्मचारियों ने किसी प्रकार चारों कर्मचारियों को आग के घेरे से बचाया और तत्काल अस्पताल भिजवाया। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, गंभीर रूप से घायल वन कर्मियों को जब उपचार के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था, तो एक घायल वन कर्मी ने बताया, कि आग लगने की सूचना पर वह और सात अन्य साथियों के साथ विभाग के वाहन से मौके पर पहुंचे।
वाहन से उतरने के बाद उन्होंने देखा की सड़क के नीचे ढलान से आग तेजी से ऊपर की ओर आ रही थी। उस वक्त आठ वन कर्मियों में से कुछ आग बुझाने की योजना बना रहे थे और कुछ वाहन से अपने उपकरण निकाल रहे थे। इसी दौरान तेज हवाओं के बीच अचानक आग की लपटों ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया और बचने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी।
सभी कर्मचारी आग की भीषण लपटों से किसी प्रकार बचने की कोशिश करते रहे, लेकिन आग इतनी विकराल थी, कि सड़क पर खड़ा विभाग का वाहन भी उसकी चपेट में आ गया और धुएं के गुबार में उनकी आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा। इसके बाद क्या हुआ उसे कुछ पता नहीं चला।
बता दें, कि जंगल की आग में वन बीट अधिकारी बिनसर रेंज त्रिलोक सिंह मेहता (40), दैनिक श्रमिक दीवान राम (35), फायर वाचर करन आर्या (21) और पीआरडी जवान पूरन सिंह (50) की मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं फायर वाचर कृष्ण कुमार (21), पीआरडी जवान कुंदन सिंह नेगी (44), वाहन चालक भगवत सिंह भोज (38) और दैनिक श्रमिक कैलाश भट्ट (54) गंभीर रूप से झुलस गए।