धामी सरकार प्रदेश में नए जनपदों के गठन के प्रस्ताव पर विचार करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नए जिले बनाने के संकेत दिए है। इसके बाद उत्तराखंड में नए जिलों के गठन का मार्ग साफ हो सकता है। इस मामले में उत्तराखंड सरकार जल्द ही जनप्रतिनिधियों से चर्चा करने के साथ जनता से सुझाव आमंत्रित करने जा रही है। सीएम धामी ने बुधवार को कहा, कि उत्तराखंड में एक लंबे वक्त से नए जिलों के गठन की मांग चली आ रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, कि प्रदेश सरकार यह जानकारी जुटाएगी, कि उत्तराखंड में कहां-कहां जिलों का पुनर्गठन हो सकता है, और वास्तव में कहां नए जिलों की जरुरत है। इसके लिए समस्त जनप्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद नए जिले बनाने की मांग का मुद्दा गरमा गया है। प्रदेश भाजपा संगठन ने सीएम धामी के इस बयान का समर्थन किया है।
गौरतलब है, कि पुरोला, रुड़की, ऋषिकेश, कोटद्वार, काशीपुर, रानीखेत व डीडीहाट क्षेत्रों को नए जिले बनाने पर विचार किया जा रहा है। सीएम धामी ने संकेत दिया, कि गढ़वाल में चार तो कुमाऊं मंडल में तीन नए जिले बन सकते है। बता दें, वर्ष 2011 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन भाजपा सरकार ने कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट जिले का शासनादेश जारी कर दिया था, लेकिन सत्ता से भाजपा की विदाई के बाद नए जिलों के गठन का मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया था।
वहीं मार्च, 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को तीसरी कमिश्नरी बनाने का ऐलान किया था। इस कमिश्नरी में चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा ओर बागेश्वर जनपदों को शामिल किया गया था। हालाँकि इसके बाद अल्मोड़ा को गैरसैंण कमिश्नरी में शामिल किये जाने को लेकर भारी विरोध शुरू हो गया था, लेकिन इस बीच त्रिवेंद्र रावत की मुख्यमंत्री की कुर्सी से विदाई हो गई और तीरथ रावत के सीएम बनने के बाद यह मामला दबा दिया गया था।