उत्तराखंड राज्य की सत्ता की बागडोर दोबारा संभालने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उत्तराखंड के विकास में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार से मिल रही मदद पर आभार प्रकट करते हुए सीएम धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को प्रदेश में संचालित विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी।
सतां हि दर्शनं पुण्यं
तीर्थभूताश्च सज्जनाः।
कालेन फलते तीर्थम्
सद्यः सज्जनसङ्गतिः॥आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री @narendramodi जी से भेंट करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। आदरणीय प्रधानमंत्री जी का सानिध्य हमें जनसेवा के प्रति सदैव सजग रहने की प्रेरणा देता है। pic.twitter.com/bst4La3iRi
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) April 5, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएम धामी ने कहा, कि प्रदेश के पास बेहद सीमित वित्तीय संसाधन उपलब्ध है। इस लिहाजा से जीएसटी प्रतिपूर्ति की अवधि बढ़ाई जाने की जरुरत है, ताकि राज्य को टैक्स के रूप में मिलने वाली आय में नुकसान ना उठाना पड़े। सीएम धामी ने पीएम मोदी के समक्ष आधुनिक तकनीक एवं वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने को भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइआइएसईआर) की स्थापना का अनुरोध किया। इसके साथ ही राज्य में फार्मास्युटिकल उद्योग के विकास के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एनआइपीईआर) की स्थापना की मांग भी की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड में बागवानी की अपार संभावनाओं के मद्देनजर पीएम मोदी से कश्मीर के तर्ज पर 2000 करोड़ रुपये का बागवानी पैकेज दिये जाने का निवेदन किया। इसके अलावा टीएचडीसी इण्डिया लिमिटेड की अंशधारिता में उत्तर प्रदेश के अंश का उत्तराखंड को हस्तांतरित करने के लिये माननीय न्यायालय से बाहर सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये केंद्र सरकार की विशेष पहल का अनुरोध किया। सीएम धामी ने चार धाम की तर्ज पर कुमाऊं मंडल के पौराणिक स्थलों व मंदिरों को तीर्थाटन से जोडऩे के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन की स्वीकृति और पिथौरागढ़ में एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के संचालन की अनुमति भी मांगी।
सीएम धामी ने ऋषिकेश-डोईवाला रेलवे ट्रैक के निर्माण और देहरादून रेलवे स्टेशन को हर्रावाला स्थानांतरित किये जाने की मंजूरी दिये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि ऋषिकेश सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, योग व आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में वैश्विक रूप से ख्याति प्राप्त है। उन्होंने कहा, कि ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना से आयुष पद्धति को बढ़ावा मिलेगा और यहां के युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।