मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार (3 जनवरी 2023) देहरादून सुभाष रोड स्थित होटल में नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2023-24 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सीएम धामी ने नाबार्ड द्वारा तैयार किए गए स्टेट फोकस पेपर 2023-24 का भी विमोचन भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि ऋण, लोन या क्रेडिट को सही और जरूरतमंद लोगों को सबसे सरलता से पहुंचाने में बैंकों की सबसे अहम भूमिका है।
मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने आज सुभाष रोड, देहरादून स्थित होटल में नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2023-24 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने नाबार्ड द्वारा तैयार किए गए स्टेट फोकस पेपर 2023-24 का भी विमोचन किया। pic.twitter.com/fkmthuAKqF
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) January 3, 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “जो लोग अच्छा काम करते हुए निर्धारित लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहे है, उनको यदि और ऋण दिए जाने की आवश्यकता है, तो उन्हें अधिक ऋण उपलब्ध कराया जाए। बैंकों को इस दिशा में अधिक कार्य करने की आवश्यकता है, राज्य सरकार भी इस दिशा में आवश्यक कदम उठाएगी।
सीएम धामी ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा, “हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र पर कार्य कर रही है। बैंकों से भी इस प्रकार की कार्य पद्धति अपनाने की अपेक्षा है। उन्होंने कहा, कि ग्रामीण इलाकों में इनवेस्टमेंट और ऋणों के द्वारा ही विकास और उन्नति संभव है। साथ ही यह रिवर्स पलायन में भी सहायक होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने आगे कहा, “हम दूरदर्शिता की सोच के साथ उत्तराखण्ड का विकास करना चाहते है। हम चाहते है, कि राज्य का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो, जिससे हमारे शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों का इन्वेस्टमेंट बढ़े। सीएम धामी ने कहा, कि राज्य के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने के लिए हमें विशेष कैंपेन मोड पर कार्य करना होगा, जिससे ऋण का लाभ उन किसानों तक पहुंचे।”
"हम दूरदर्शिता की सोच के साथ उत्तराखण्ड का विकास करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि राज्य का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो, जिससे हमारे शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों का इन्वेस्टमेंट बढ़े।": मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami pic.twitter.com/sLmgCM7Wvq
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, कि उत्तराखण्ड में कृषि, बागवानी तथा लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्योगों के विकास हेतु इस वर्ष करीब ₹30 हजार करोड़ से अधिक की ऋण योजना तैयार की गई है, जो पिछले साल की तुलना में 6.22 प्रतिशत अधिक है।