मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार (4 फरवरी 2023) को धार्मिक नगरी हरिद्वार में ज्येष्ठ पुत्र दिवाकर सिंह धामी का विधि विधान से यज्ञोपवीत संस्कार कराया। यज्ञोपवीत संस्कार कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी के साथ उनकी पत्नी समेत परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा अपने पुत्र का नाम तीर्थ पुरोहित के पास अपनी बही वंशावली में अंकित करवाया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यज्ञोपवीत संस्कार की जानकारी देते हुए अपने ट्विटर संदेश में लिखा, “आज हरिद्वार में माता जी, ईष्ट देवता एवम् माँ गंगा के आशीर्वाद से ज्येष्ठ पुत्र दिवाकर का यज्ञोपवीत संस्कार एक सूक्ष्म कार्यक्रम में पूर्ण विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ।”
ॐ यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात्।
आयुष्यमग्रं प्रतिमुंच शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।आज हरिद्वार में माता जी, ईष्ट देवता एवम् माँ गंगा के आशीर्वाद से ज्येष्ठ पुत्र दिवाकर का यज्ञोपवीत संस्कार एक सूक्ष्म कार्यक्रम में पूर्ण विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। pic.twitter.com/1OQsN4hD6W
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 4, 2023
जानकारी के लिए बता दें, धार्मिक नगरी हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी तट पर यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न कराया जाता है। सनातन हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कार है, जिनमें यज्ञोपवीत संस्कार का विशेष महत्व है। इसे उपनयन संस्कार भी कहा जाता है। जनेऊ धारण करने के बाद व्यक्ति को अपने जीवन में नियमों का पालन करना पड़ता है। व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन के कार्यों को भी जनेऊ को ध्यान में रखते हुए ही करना होता है।
धर्माचायों के अनुसार, बालक की आयु 8 वर्ष की होने पर यज्ञोपवीत संस्कार कराया जा सकता है, लेकिन वर्तमान युग में आधुनिक जीवनशैली के चलते बाल्यकाल में यज्ञोपवीत संस्कार नहीं कराया जाता है। अब विवाह के दौरान यज्ञोपवीत संस्कार करने का चलन प्रचलित है। सनातन हिंदू धर्म में आज भी बिना जनेऊ संस्कार के विवाह संस्कार को पूर्ण नहीं माना जाता है।