मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार (1 अप्रैल 2023) को देहरादून स्थित सचिवालय में सशक्त उत्तराखंड @25 के लिए विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। समीक्षा बैठक के दौरान सीएम धामी ने उत्तराखंड राज्य के समग्र विकास के लिए आगे की रणनीति के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। गौरतलब है, कि राज्यपाल ले.जनरल गुरमीत सिंह(सेनि) की अनुमति के बाद वित्त विभाग ने शनिवार से शुरू हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय-व्यय के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने ट्विटर संदेश में जानकारी दी, “आज सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड @ 25 के तहत विभिन्न विभागों की विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों को राज्य के समग्र विकास हेतु विस्तृत कार्ययोजना बनाने व गतिमान कार्यों को निर्धारित समय में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, कि हमारी सरकार प्रदेश में लघुकालीन और दीर्घकालीन योजनाओं पर कार्य करते हुए राज्य के वर्तमान व भविष्य को सुदृढ़ करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।”
हमारी सरकार प्रदेश में लघुकालीन और दीर्घकालीन योजनाओं पर कार्य करते हुए राज्य के वर्तमान व भविष्य को सुदृढ़ करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) April 1, 2023
उल्लेखनीय है, कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 77407.08 करोड़ के बजट को मंजूर किया गया है। इसमें पूंजीगत परिव्यय के लिए 13133.80 करोड़ का प्रावधान है। विगत वर्ष की तुलना में इस साल बजट में 21.16 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने उच्च अधिकारियों के साथ सभी विभागाध्यक्ष एवं वित्त नियंत्रकों को कहा है, कि वे पूंजीगत परिव्यय की 80 फीसदी चालू कार्यों पर खर्च करेंगे और नए कार्यों पर केवल 20 प्रतिशत खर्च होगा।
सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए, कि जो स्वीकृत कार्य किसी वजह से शुरू नहीं हो पाए, उन्हें निरस्त कर नए आगणन के आधार पर नए सिरे से अनुमति दिलाने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने सभी विभागों को मितव्ययिता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए है। बता दें, राज्यपाल ले.जनरल गुरमीत सिंह(सेनि) की अनुमति के बाद वित्त विभाग ने सभी विभागों को वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय-व्ययक के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रशासन ने आदेश दिए है, कि पांच करोड़ से ज्यादा की धनराशि वाले कार्यों का अनिवार्य रूप से लेखा परीक्षा कराया जाएगा। विभागों को निर्देश दिए गए है, कि वे 50 लाख से कम लागत के कार्यों के लिए एकमुश्त धनराशि अवमुक्त कर देंगे। 50 लाख से दो करोड़ तक लागत के कार्यों के लिए दो किश्तों (60 व 40 फीसदी) के तौर पर अवमुक्त होगी। दो करोड़ से अधिक की परियोजनाओं के लिए 40-40-20 फीसदी के आधार पर धनराशि जारी की जाएगी।