देवभूमि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में दीपावली के ठीक 11 दिन बाद इगास लोक पर्व मनाये जाने की परंपरा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस शुभ अवसर पर प्रदेशवासियों को इगास पर्व /बूढ़ी दीपावली की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। सीएम धामी ने कहा, कि हमारे लोक पर्व एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सामाजिक जीवन में जीवंतता प्रदान करने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति एवं लोक परम्परा उस राज्य की आत्मा होती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, कि हमारी लोक संस्कृति एवं परंपरा देवभूमि की पहचान है। किसी भी राज्य की लोक संस्कृति एवं लोक परंपरा उस राज्य की आत्मा होती है, इसमें इगास का पर्व भी शामिल है। सीएम धामी ने कहा, कि हम राज्य की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये संकल्पबद्ध हैं। अपनी लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये हम प्रयासरत हैं। हमारी युवा पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति एवं लोक पर्वों से जुड़े इसके भी प्रयास होने चाहिए।
आप सभी को देवभूमि उत्तराखण्ड के लोकपर्व इगास/बूढ़ी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं। पर्वतीय संस्कृति, प्रकाश एवं उल्लास का यह पावन पर्व आप सभी के जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आए।
आइए, हम सभी इस अवसर पर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर… pic.twitter.com/ENL0XZT5Gd
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 23, 2023
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि हमारे लोग इगास पर्व पर अपनी परम्पराओं के साथ अपने पैतृक गांवों से भी जुड़ सके, इसके लिये राज्य में इगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की परंपरा शुरू की गई है। इससे राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं परम्पराओं से हमारी भावी पीढ़ी भी जुड़ सकेगी। सीएम धामी ने कहा, कि उत्तराखंड में विभिन्न संस्कृति और रीति रिवाजों को मानने वाले लोग निवास करते हैं, एक तरह से उत्तराखंड लघु भारत का रूप है।