उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों को सदन की गरिमा के प्रतिकूल ठहराते हुए वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने अब तक के अध्यक्षों की कार्य प्रणाली पर एक तरह से सवाल खड़े कर दिए है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने स्पष्ट तौर पर विशेषाधिकार को उचित फ्रेम में रखने की वकालत कर विशेष रूप से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और गोविंद सिंह कुंजवाल की मुश्किलें बढ़ा दी है।
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने स्पष्ट रूप से कहा, कि जांच रिपोर्ट में भर्तियों को लेकर जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच कमेटी वर्ष 2012 से लेकर 2022 तक विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच-पड़ताल करेगी । इसके साथ ही वर्ष 2000 और 2011 तक विधानसभा में भर्तियों के लिए उत्तर प्रदेश की सेवा नियमावली लागू थी और आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञ समिति इसकी भी जांच करेगी।
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— Ritu Khanduri Bhushan (@RituKhanduriBJP) September 3, 2022
उल्लेखनीय है, कि वर्तमान धामी सरकार में वरिष्ठ मंत्री होने के नाते प्रेमचंद भी सीधे संभावित खतरे की जद में आ गए है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने स्पष्ट तौर पर कहा, कि विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते कुछ विशेषाधिकार हो सकते है, लेकिन विशेषाधिकार के नाम पर हर चीज को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। इसे सही फ्रेम में देखने की जरूरत है। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष ने सचिव मुकेश सिंघल को भी आगामी आदेश तक छुट्टी पर भेज दिया है।
बता दें, इन दोनों ही मामलों पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का अलग रुख रहा है। प्रेमचंद अग्रवाल विशेषाधिकार और नियमों की आड़ में ना केवल भर्तियों को उचित ठहरा रहे थे, बल्कि सचिव को तीन- तीन प्रमोशन देने के लिए भी नियमों का हवाला दे रहे थे। हालाँकि अब भर्तियों पर विधानसभा अध्यक्ष का रुख साफ होने के बाद राजनीतिक तौर पर ऋषिकेश से विधायक प्रेमचंद अग्रवाल के लिए खतरा बढ़ गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने प्रेस वार्ता के तत्तकाल बाद ही विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल का दफ्तर अपनी उपस्थिति में सील करवा दिया है। इस दौरान बाकायदा मौके पर इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। स्पीकर खंडूड़ी ने बताया, कि जांच अधिकारी जब कहेंगे, तब ही सील को उनकी मौजूदगी में खोला जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया, कि बैकडोर भर्तियों से संबंधित अहम दस्तावेज मुकेश सिंघल अनुभाग के बजाय अपने दफ्तर में ही रखवाते थे।
वर्तमान विधान सभा सचिव श्री मुकेश कुमार सिंघल को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक अवकाश पर भेज दिया गया है। साथ ही जांच पूरी हो जाने तक उनका कार्यालय कक्ष सील कर दिया गया हैं।#विधानसभा_अध्यक्ष #उत्तराखण्ड #सबके_साथ_न्याय_होगा pic.twitter.com/YAqyDusbB8
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उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों में चुन-चुनकर सत्ता के करीबियों को नौकरी दिए जाने की बात का खुलासा होने के बाद भाजपा संगठन पर इस मामले में राजनीतिक रूप से भी निर्णय लेने का दबाव बढ़ गया है। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने विधानसभा भर्तियों में घोटाले के मामले में तीन सदस्य विशेषज्ञों की कमेटी गठित की है। यह कमेटी एक महीने के भीतर विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। समिति में पूर्व आईएएस अधिकारी डीके कोटिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत और अवनींद्र सिंह को सदस्य के रूप में शामिल किया गया।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को स्वागतयोग्य बताया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, कि विधानसभा के भर्ती प्रकरण में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण का निर्णय स्वागतयोग्य है। उन्होंने सरकार और राज्य की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप निर्णय लेकर सदन की गरिमा बढ़ाई है। हमें पूर्ण विश्वास है, कि जल्द ही पूरे प्रकरण का विधि सम्मत समाधान निकलेगा और दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा।
विधानसभा में हुई भर्तियों के विषय में कथित अनियमितताओं के आरोपों की पड़ताल हेतु विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विशेष जांच समिति गठित करने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए कृतसंकल्पित है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 3, 2022