देश के दक्षिणी राज्यों में मानसून दस्तक दे चुका है। केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से आगे बढ़ रहा मानसून आगामी कुछ दिनों में महाराष्ट्र में दस्तक देगा। वहीं उत्तराखंड में इस बार मानसून के 25 जून के बाद पहुंचने की आशंका व्यक्त की जा रही है। गौरतलब है, कि आमतौर पर उत्तराखंड में मानसून 20 से 25 जून के बीच पहुँचता है। देहरादून में भी प्री-मानसून की बौछारें शुरू होने से अब मानसून को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में इन दिनों बौछारों का सिलसिला तेज हो गया है। हालांकि, मैदानी इलाकों में अब भी ज्यादातर क्षेत्र वर्षा के लिए तरस रहे है। प्रदेश में एक मार्च से 31 मई तक सामान्य से 20 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ तीव्र बौछार और तेज हवा चलने का दौर जारी है। राजधानी देहरादून में भी कहीं-कहीं बौछारें पड़ने का सिलसिला शुरू हो चुका है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, केरल और तमिलनाडु में पूरी तरह सक्रिय होने के बाद मानसून तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम से आगे बढ़ चुका है। आगामी दो-तीन दिनों के अंदर गोवा और दक्षिण महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में मानसून के पहुंचने के आसार है। अभी तक मानसून अपने सामान्य समय से लगभग दो दिन पीछे चल रहा है। हालांकि, उत्तर भारत की ओर रुख करने पर इसकी गति तेज होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, राज्य में मानसून के 25 जून के आसपास पहुंचने की उम्मीद है। साथ ही उत्तराखंड में इस बार सामान्य से 10 फीसदी अधिक बारिश का अनुमान है। मानसून के दस्तक देने से पहले राज्य में हल्की, मध्यम वर्षा का सिलसिला शुरू हो चुका है, लेकिन जून मध्य तक प्री-मानसून शावर और तेज हो सकते हैं, जो मानसून आने तक जारी रहेंगे।
उल्लेखनीय है, कि उत्तराखंड में बीते 16 वर्ष में चार बार मानसून एक हफ्ते की देरी से पहुंचा है। वर्ष 2010, 2012, 2014 और 2017 को छोड़कर हर बार मानसून समय पर पहुंचा है। ऐसे में इस बार भी 20 से 25 जून के आसपास मानसून पहुंचने की संभावना है।