लाइलाज बनती जा रही साइबर ठगी की बीमारी पर लगाम कसने के लिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा गठित संयुक्त टीमों ने पांच राज्यों से तकरीबन ग्यारह साइबर अपराधियों को हिरासत में लिया है।
उत्तराखंड पुलिस को 2200 किलोमीटर विजयवाड़ा तक की दूरी नापनी पड़ी
उत्तराखंड (Uttarakhand) पुलिस के लिए नाक का सवाल बन चुके साइबर ठगो को एसटीएफ ने झारखंड, बंगाल,राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के राज्यों से गिरफ्तार किया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार की सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाने वाले साइबर ठग इरशाद को पकड़ने के लिए एसटीएफ को लगभग बाइस सौ किलोमीटर हैदराबाद विजयवाड़ा तक की दूरी नापनी पड़ी।
राज्य के पुलिस मुख्यालय द्वारा गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने साइबर अपराध (Cyber crime) के मामलो की जांच में यह पता चला, कि साइबर अपराध के अधिकतर तार राजस्थान के अलवर, भरतपुर, हरियाणा के नूह, मेवात और पलवल और देशभर में साइबर क्राइम के लिए कुख्यात झारखंड के जामताड़ा इलाके से जुड़ रहे है। स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा साइबर अपराध ठगी के मामलों में पिछले दो हफ्ते में लगभग चौदह आरोपीयो को हिरासत में लिया है।
यह भी पढ़े … साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद, फेसबुक मेसेंजर पर राज्य के पुलिस महानिदेशक के नाम से बनाई फर्जी आईडी
ग्रामीणों से कथित राशन कार्ड बनवाने के नाम पर अंगूठे का स्कैन और आईडी
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य के पुलिस महानिदेशक फर्जी फेसबुक अकाउंट मामले में मोबाइल नंबर की लोकेशन राजस्थान भरतपुर में मिली। जाँच पड़ताल करने पर ज्ञात हुआ, कि मोबाइल सिम की आईडी किसी रामलखन निवासी लखीमपुर खीरी के नाम पर है। इसके बाद पुलिस द्वारा उक्त गांव में अपराधी की तलाश में छापा मारने पर पता चला, कि उक्त गांव में कथित राशन कार्ड बनाने के नाम पर आये कुछ लोगो की एक टीम ने ग्रामीणों से उनके पहचान पत्र लेने के साथ ही उनके अंगूठे मशीनों पर स्कैन करवाए।
पुलिस द्वारा फेसबुक से मांगी गई जानकारी के अनुसार फर्जी आईडी राजस्थान भरतपुर में किसी शेर मोहम्मद के नाम से संचालित की जा रही थी। इसके बाद पुलिस द्वारा शेर मोहम्मद की जांच पड़ताल में यह जानकारी सामने आयी, कि उक्त व्यक्ति की अप्रैल माह में मौत हो चुकी है। मामले की तह तक जाने पर पुलिस के सामने शेर मोहम्मद के दामाद इरशाद निवासी भरतपुर का नाम सामने आया, जो अपने ससुर शेर मोहम्मद के पहचान पत्र के जरिये लोगों की फर्जी आईडी बनाकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था।
साइबर ठगी के अपराध में इरशाद के साडू अरशद और बेटा जाहिद भी लिप्त थे। पुलिस द्वारा गिरफ्तार जाहिद ने पूछताछ में बताया, कि इरशाद एक मालवाहक ट्रॉले से हैदराबाद विजयवाड़ा भाग गया है। इस पर तत्काल एसटीएफ इरशाद को पकड़ने के लिए 2200 किलोमीटर विजयवाड़ा हैदराबाद रवाना हुई। लेकिन इरशाद हैदराबाद से भागकर वापस भरतपुर राजस्थान आ गया। जहा मौका पाते ही एसटीएफ ने इरशाद को दबोच लिया।
पुलिस मुख्यालय द्वारा गठित एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार इन साइबर ठगो पर उत्तराखंड के सात जनपदों में तकरीबन साढ़े 11 लाख रुपये से अधिक की ठगी का आरोप है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने बताया, कि ये आरोपी अधिकतर लोगो की लोग वाट्सएप,फेसबुक और इंस्टाग्राम की आइडी हैक कर साइबर ठगी के अपराध को अंजाम दे रहे थे। गिरफ्तार किये गए आरोपियों से पुलिस की पूछताछ जारी है। साइबर ठग आम और खास नागरिको के बैंक खातों से पैसे लूटने के लिए नई-नई तरकीबे लगाते रहते हैं। ऐसे में यह अत्यंत आवश्यक, कि साइबर अपराधियों से बेहद सावधानी बरतने की जरुरत है।
यह भी पढ़े… गहरी जड़े जमा चुका साइबर अपराध से लड़ने के लिए जागरूकता के साथ सतर्कता भी जरुरी