उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का शंखनाद हो चुका है। चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने आगामी चुनावों की तिथियों की घोषणा करते हुए रिक्त चल रही केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तारीख का ऐलान भी कर दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने केदारनाथ सीट पर 20 नवबंर को मतदान होने का ऐलान किया है। वहीं 23 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित किये जाएंगे।
वहीं 29 अक्टूबर से नामांकन और चार नवम्बर तक नाम वापसी का मौका दिया जायेगा। बता दें, कि करीब 92 हजार मतदाता वाले केदारनाथ विधानसभा सीट में दिवंगत विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद उप-चुनाव होगा। गौरतलब है, कि भाजपा के लिए यह उप-चुनाव साख का सवाल बना हुआ है। दरअसल, हाल ही में हुए दो उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए बेहद निराशाजनक रहे थे।
Schedule for Bye Elections to 48 ACs and 2 PCs across 15 States.
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— Election Commission of India (@ECISVEEP) October 15, 2024
बीजेपी को मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ था। जिसके बाद बीजेपी ने अब केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को अपने वर्चस्व की लड़ाई मान लिया है। बीजेपी संगठन ने केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के साथ पांच मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रदेश भाजपा संगठन ने मंडल से लेकर बूथ स्तर पर एक-एक कार्यकर्ता को दायित्व सौंपा है। जिला व ब्लॉक स्तर के सभी पदाधिकारियों को दूरस्थ गांवों में जनसंपर्क के लिए कहा है, जिनसे प्रतिदिन की रिपोर्ट मांगी जा रही है। भाजपा इस उप चुनाव में किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं रखना चाहती। सरकार के कैबिनेट मंत्री, विधायक से लेकर जिला स्तरीय पदाधिकारी व कार्यकर्ता केदारनाथ विधानसभा के गांव-गांव जाकर एक-एक मतदाता से संपर्क कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है, कि केदारनाथ में अब तक बीजेपी की विधायक शैलारानी रावत थी, लेकिन उनके निधन के बाद भाजपा को नया चेहरा तलाशना है। हालांकि बीजेपी के पास कई ऐसे चेहरे हैं, जो पहले भी यहां पर चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं। जिसमें पूर्व विधायक आशा नौटियाल, विधायक शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत के साथ कुलदीप रावत और चंडी प्रसाद भट्ट जैसे दिग्गजों के नाम शामिल हैं।
बीजेपी संगठन बीते 15 दिनों से इस पूरे क्षेत्र में अलग-अलग सर्वेक्षण करवाकर ये जानने का प्रयास कर रही है, कि माहौल और जनता किसके पक्ष में है। वहीं कांग्रेस ने भी केदारनाथ उपचुनाव के लिए कमर कसी हुई है। कांग्रेस की ओर से आपदा से प्रभावितों की समस्याओं को मुद्दा बनाया जा रहा है।
वहीं कांग्रेस पार्टी के पास प्रत्याशी के रूप में पूर्व विधायक मनोज रावत, हरक सिंह रावत जैसे नाम शामिल थे, लेकिन हरक सिंह रावत के चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद कई स्थानीय नए चेहरे भी शामिल हैं। हालांकि, अभी दोनों ही पार्टियों ने ये स्पष्ट नहीं किया है, कि पार्टी किसको अपना प्रत्याशी बनाएगी।