उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के घातक कहर के मद्देनजर इस वर्ष भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा कैदियों को पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए थे। कोराना संक्रमण की दूसरी लहर में कई लोग अपने प्राण गँवा चुके है। कोरोना आपदाकाल में राज्य की जेलों में प्रतिदिन कैदियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं। इस कारण जेलों में कैदियों के बीच संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।
कोरोना संक्रमण से सुरक्षा को देखते हुए बीते दिनों सुद्दोवाला जेल से तकरीबन सौ से अधिक कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था। परन्तु अब पैरोल पर छूटे ये बंदी पुलिस के समक्ष चुनौती बनते जा रहे है। दरअसल जिन कैदियों को कोरोना वायरस के चलते पैरोल पर छोड़ा गया, उनमें से ज्यादातर पेशेवर शातिर चोर हैं।
पैरोल पर छूटे बंदीयो ने दोबारा से चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया है। पिछले एक हफ्ते के अंदर पुलिस द्वारा पैरोल पर छूटे ऐसे दो बंदियों को चोरी के आरोप में पकड़ा है। पहला मामला तब सामने आया, जब पुलिस ने 24 मई को पैरोल पर छूटे शाहरुख को, तीन जून को सुभाषनगर और टर्नर रोड में हुई दो चोरियों के आरोप में दोबारा गिरफ्तार किया।
वही कुछ दिन पूर्व पैरोल पर जेल से छूटे अभिषेक उर्फ़ काका को दुकान का शटर तोड़कर चोरी करने के आरोप में दोबारा हिरासत में लिया है। पुलिस ने आरोपी की पहचान घटनास्थल पर मौजूद सीसीटीटी की फुटेज देख कर की। जेल से पैरोल पर छूटे बंदीयो की जुर्म की दुनिया में सक्रियता पर पुलिस अधीक्षक सरिता डोभाल द्वारा कहा गया, कि जेल से पैरोल पर रिहा होने वाले बंदियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। सभी थानाध्यक्षो को समय पर समय पर इन बंदियों को थाने में परेड करवाने के लिए निर्देशित किया गया है।