उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में सभी प्रचलित मिथकों को ध्वस्त करते हुए पुष्कर सिंह धामी दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने में सफल रहे। हालाँकि पार्टी को मिले दो तिहाई बहुमत के बाद स्वयं को मिली पराजय के चक्रव्यूह को भेदना सीएम धामी के लिए आसान नहीं था। सीएम धामी को मुख्यमंत्री के रूप में छह महीने का संक्षिप्त कार्यकाल मिला था। इसके बावजूद सीएम धामी पांच साल की एंटी इनकंबेंसी को दरकिनार कर भाजपा को लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लाने में कामयाब रहे।
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी सीएम धामी की स्टाइल का कायल
विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को वोटिंग के बाद 10 मार्च को आए चुनावी नतीजे सीएम धामी के पक्ष में नहीं आए और उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार भुवन कापड़ी के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था, किन्तु “हार कर भी जो जीत जाए, उसे ही धामी कहते है” की कहावत को पुष्कर सिंह धामी ने चरितार्थ कर दिखाया। भाजपा के कई दिग्गजों नेताओं की दिल्ली में लॉबिंग और पराजय के बाद उभरे समीकरणों के बाद जिस प्रकार सीएम धामी ने अपने राजनीतिक कौशल का परिचय दिया, वह सबके बस की बात नहीं थी। छह महीने के दौरान धामी के काम करने के स्टाइल से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बेहद प्रभावित था।
2025 तक उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प : सीएम धामी
प्रदेश पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री चुने गए पुष्कर सिंह धामी ने अपने ट्विटर सन्देश में शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए कहा, कि हम वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का ‘विकल्प रहित संकल्प’ लेकर आगे बढ़ रहे है, और मेरा प्रत्येक क्षण उत्तराखण्ड के विकास के लिए समर्पित रहेगा। जिन्होंने मुझ जैसे एक सामान्य कार्यकर्ता को इस जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त समझा। मैं प्रदेश की अपनी सभी माताओं-बहनों, बुजुर्गों और युवा साथियों को ये विश्वास दिलाता हूँ, कि उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को पूर्ण करने और प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने हेतु मैं दृढ़ संकल्पित हूँ।
जिन्होंने मुझ जैसे एक सामान्य कार्यकर्ता को इस ज़िम्मेदारी के लिए उपयुक्त समझा। मैं प्रदेश की अपनी सभी माताओं-बहनों, बुजुर्गों और युवा साथियों को ये विश्वास दिलाता हूं कि उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को पूर्ण करने और प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने हेतु मैं दृढ़ संकल्पित हूं।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 21, 2022
उल्लेखनीय है, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अब तक पांच विधायक अपनी सीट छोड़ने का ऐलान कर चुके है। मुख्यमंत्री धामी के लिए सीट छोड़ने का ऐलान करने वालो में चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी, जागेश्वर के मोहन सिंह मेहरा, लालकुंआ डा. मोहन सिंह बिष्ट, रूड़की के प्रदीप बत्रा और खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के नाम शामिल है। बता दें, उत्तराखंड में भाजपा के किसी भी मुख्यमंत्री ने अभी तक पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया। अब यह देखना वाकई दिलचस्प होगा, कि क्या सीएम पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री कार्यकाल के पांच साल पुरे कर इतिहास रच सकेगें।