उत्तराखंड के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के ड्राफ्ट पर बीते शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में चर्चा नहीं हो सकी। बैठक के बाद मीडिया को आधिकारिक सूत्रों ने बताया, कि 740 पन्नों से अधिक की चार खंडों वाली रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है और इसके कानूनी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कि अब इसे छह फरवरी को होने वाली राज्य मांतिमंडल कैबिनेट की अगली बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा। पांच फरवरी से शुरू होने वाले विशेष सत्र के दौरान राज्य विधानसभा में पेश करने से पहले ड्राफ्ट को कैबिनेट की अनुमति की आवश्यकता है। बता दें, कि बीते शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने यूसीसी ड्राफ्ट मुख्यमंत्री धामी को सौंपा था।
गौरतलब है, कि शनिवार (3 फरवरी 2024) को आम तौर पर कोई औपचारिक प्रेसवार्ता नहीं हुई, जो मंत्रिमंडल बैठकों के बाद आयोजित होती है, क्योंकि राज्य विधानसभा के सत्र की अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। हालांकि, सूत्रों ने कहा, कि कैबिनेट ने राज्य की फिल्म प्रचार नीति में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए राज्य के भीतर बनी क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों के लिए प्रोत्साहन के रूप में 25 लाख रुपए के बजाय दो करोड़ रुपए देने को मंजूरी दी है।
मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में दी गई नई फिल्म नीति को मंजूरी pic.twitter.com/c7aaY4d9Xh
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) February 4, 2024
इसके अलावा, राज्य के कलाकारों को मुख्य भूमिका में लेने पर 10 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया, कि फिल्म प्रशिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों की 75 फीसदी फीस सरकार वहन करेगी। साथ ही धामी सरकार ने राज्य में गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी फिल्म बनाने वालों के लिए सब्सिडी आठ गुना बढ़ा दी है।
वहीं, आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में फिल्मों की राज्य में शूटिंग करने वालों की सब्सिडी भी दोगुनी कर दी है। इसके लिए नई फिल्म नीति को धामी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। वहीं, व्यावसायिक वाहनों का टैक्स 10 फीसदी बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। कैबिनेट ने उत्तराखंड ऑन डिमांड (सूचना प्रौद्योगिकी आधारित) ठेका गाड़ी द्वारा परिवहन की संशोधित नियमावली (एग्रीगेटर पॉलिसी) पर मुहर लगा दी है। इसके तहत अब ओला, ऊबर के अलावा बस, बाइक, ऑटो भी ऑन डिमांड चलाए जा सकेंगे।