देवभूमि उत्तराखंड की पहचान और लोक संस्कृति से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर रविवार (24 दिसंबर 2023) को राजधानी देहरादून में भू-कानून और मूल निवास स्वाभिमान रैली का आयोजन होने जा रहा है। इस महारैली को उक्रांद समेत कई सामाजिक जनसंगठनों ने अपना समर्थन दिया है। इसी बीच मुख्यमंत्री धामी ने भू-कानून की सिफारिशों और मूल निवास को लेकर उच्चस्तरीय समितियां बनाने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक्स पोस्ट पर जानकारी दी, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार ‘भू-कानून समिति’ की रिपोर्ट के विस्तृत परीक्षण के लिए पांच सदस्यीय ‘प्रारूप समिति’ का गठन किया गया। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय प्रारूप कमेटी का गठन किया गया है। अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव ने शुक्रवार को इस आशय के आदेश जारी किए।
मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami के निर्देशानुसार ‘भू-कानून समिति’ की रिपोर्ट के विस्तृत परीक्षण के लिए पांच सदस्यीय ‘प्रारूप समिति’ का गठन किया गया। pic.twitter.com/DGX0G0ofCC
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) December 22, 2023
सीएम धामी ने कहा, कि भू- कानून के संबंध में समिति द्वारा सौंपी गई सिफारिशों के बारे में प्रारूप तैयार करने के लिए भी एक कमेटी का गठन किया जायेगा। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून और मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर देहरादून में 24 को महारैली के आयोजन पर मुख्यमंत्री ने कहा, जो लोग इस दिशा में काम कर रहे हैं, उनसे मेरा आग्रह है, कि सकारात्मक संवाद के जरिये सभी मुद्दों के समाधान निकालेंगे।
गौरतलब है, कि प्रदेश सरकार से स्थायी निवास प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की जा रही है। इसी के मद्देनजर सीएम धामी के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने बीते बुधवार को आदेश जारी किये गए थे, कि जिनके पास मूल निवास प्रमाण पत्र है, उनके लिए स्थायी निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं होगी।
बता दें, पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में गठित भू-कानून समिति ने सितंबर 2022 में सरकार को अपनी सिफारिशें सौंप दी थी। लेकिन शासन स्तर पर समिति की सिफारिशों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। भू-कानून समिति ने जमीन खरीद के मानकों को सख्त करने की सिफारिश की थी।
इसके साथ ही समिति ने राज्य के प्रत्येक भूमिधर को भूमिहीन होने से बचाने, निवेश के नाम पर ली जाने वाली भूमि पर लगने वाले उद्यम में राज्य के 70 प्रतिशत लोगों को रोजगार देने, प्रदेश में 12.50 एकड़ से अधिक भूमि के आवंटन पर रोक लगाने समेत कई अन्य सिफारिशें की हैं।
वहीं समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए गठित विशेषज्ञ समिति अगले महीने जनवरी में धामी सरकार को रिपोर्ट सौंप देगी। इसके बाद यूसीसी को राज्य में लागू करने की दिशा में कदम आगे बढ़ेंगे। गौरतलब है, कि मुख्यमंत्री धामी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के बाद यूसीसी को लागू करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने के संकेत दे चुके है।