देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए मजबूत भू-कानून को लेकर उठ रही मांग को देखते हुए धामी सरकार इस दिशा में तेजी से कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए, कि भू-कानून के लिए गठित की गई कमेटी बड़े पैमाने पर जन सुनवाई करे। बैठक के दौरान सीएम धामी के निर्देश पर तय किया गया है, बाहरी व्यक्तियों के भूमि क्रय से संबंधित ऐसे प्रस्तावों पर जिलाधिकारी अग्रिम आदेशों तक कोई निर्णय नहीं लेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार (31 दिसंबर 2023) को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सीएम आवास पर भू-कानून के सिलसिले में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक हुई। सीएम धामी ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए, कि भू-कानून के लिए बनाई गई कमेटी द्वारा बड़े पैमाने पर जन सुनवाई की जाए और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों और विशेषज्ञों की राय ली जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक के दौरान निर्देश दिए, कि समिति द्वारा विशेषज्ञों और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों के सुझावों के आधार पर तेजी से ड्राफ्ट बनाया जाए। उन्होंने कहा, कि राज्य सरकार द्वारा सभी निर्णय प्रदेश के हित में लिए जा रहे हैं। सीएम धामी के निर्देश पर प्रदेश व जनहित में निर्णय लिया गया, कि भू-कानून समिति की आख्या प्रस्तुत किये जाने तक या अग्रिम आदेशों तक जिलाधिकारी बाहरी व्यक्तियों को कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से भूमि क्रय करने की अनुमति के प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, भू-कानून के लिए बनाई गई कमेटी द्वारा बड़े पैमाने पर जन सुनवाई की जाए और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों और विशेषज्ञों की राय ली जाए। साथ ही निर्देश दिए, कि भू-कानून के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था के लिए गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्नर को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा, कि हम प्रदेशवासियों के हितों के लिए कार्य करने हेतु सदैव प्रतिबद्ध हैं ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, एडीजी श्री ए. पी अंशुमन, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पांडेय, अपर सचिव श्री जे.सी. कांडपाल उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, एडीजी श्री ए. पी अंशुमन, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पांडेय, अपर सचिव श्री जे.सी. कांडपाल उपस्थित थे।
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) December 31, 2023
गौरतलब है, कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री धामी ने भू-कानून को सख्त बनाने के उद्देश्य से पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में समिति गठित की। समिति ने भू कानून से संबंधित प्रविधानों व इनमें समय-समय पर हुए संशोधन का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सितंबर में सरकार को सौंपी। इसमें 23 संस्तुतियां की गई। समिति ने संस्तुति की कि कृषि अथवा औद्यानिक प्रयोजन से दी गई भूमि खरीद की अनुमति का दुरुपयोग हो रहा है, ऐसे में इसकी अनुमति जिलाधिकारी के बजाए शासन स्तर से दी जाए।