देवभूमि उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में रिजॉर्ट से गुमशुदा होने की सूचना मिलने पर भी अवकाश पर जाने वाले राजस्व उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने निलंबन के आदेश जारी करते हुए एसडीएम लैंसडौन को प्रकरण की पूरी जांच के निर्देश दिए है। निलंबित पटवारी वैभव प्रताप सिंह को तहसील थलीसैण संबद्ध किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पटवारी वैभव प्रताप पर इस बेहद गंभीर प्रकरण के संज्ञान में आने के बाद भी उचित कार्रवाई अमल में नहीं लाए जाने, और उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत कराए बिना ही छुट्टी पर जाने जैसे आरोप लगे है। उल्लेखनीय है, कि एसडीएम लैंसडौन से पूर्व जिलाधिकारी ने मामले की जांच एसडीएम यमकेश्वर को सौंपी थी। अब एसडीएम यमकेश्वर की प्रारंभिक जांच में राजस्व क्षेत्र उदयपुर तल्ला-2 के राजस्व उप निरीक्षक वैभव प्रताप सिंह को कार्यों में लापरवाही का दोषी पाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व दर्जाधारी मंत्री के बेटे पुलकित आर्या के रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता 18 सितंबर को गुमशुदा हुई थी। अंकिता के लापता होने की सूचना पटवारी वैभव प्रताप सिंह को 19 सितंबर को पता चली थी, लेकिन मामले की गंभीरता को अनदेखा करते हुए पटवारी ने अपने उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी नहीं दी और वह 20 सितंबर से 23 सितंबर तक पिता के स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए छुट्टी पर चले गए थे।
जांच के दौरान यह भी जानकारी सामने आई, कि अंकिता के पिता की तरफ से 19 सितंबर को फोन पर पटवारी को सूचना दी गई थी, लेकिन पटवारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। डीएम डा. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया, कि पटवारी से संबंधित पूर्व में भी शिकायतें मिल चुकी है। वहीं राजस्व क्षेत्र उदयपुर तल्ला-2 में प्रभारी राजस्व निरीक्षक रहे विवेक कुमार को बीते 23 सिंतबर को ही निलंबित किया जा चुका है। विवेक कुमार पर अंकिता के पिता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज नहीं किए जाने का आरोप है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पटवारी और आरोपी पुलकित आर्य के बीच घनिष्ट मित्रता थी। पटवारी वैभव का वनंत्रा रिजॉर्ट में पहले से आना जाना था। मामले में शुरू से ही पटवारी की संदिग्ध भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। बताया जा रहा है, कि पटवारी ने अंकिता के पिता से भी ढंग से पेश नहीं आया था।