रवि बडोला हत्याकांड को लेकर स्थानीय लोगों का गुस्सा चरम पर है। हत्या के विरोध में गुरुवार (20 जून 2024) को दून बंद के आह्वान के दौरान लोगों ने सुबह रिंग रोड को जाम करते हुए नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने रिंग रोड छह नंबर पुलिया के आसपास की दुकानों को बंद भी कराया।
बता दें, कि देहरादून में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर आज 20 जून को देहरादून बंद का आह्वान किया गया था। बंद को लेकर राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, व्यापारियों, पूर्व सैनिकों, युवाओं और महिलाओं से बंद को सफल बनाने के लिए अपील की गई थी। प्रेस क्लब देहरादून में दिवंगत दीपक उर्फ रवि बडोला की पत्नी और बहन के साथ पत्रकारों से वार्ता करते हुए संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा, कि मूल निवासियों का अस्तित्व बचाने के लिए सभी को सड़कों पर उतरना होगा।
उन्होंने कहा, कि आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। लोग खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं। उन्होंने सरकार से दिवंगत दीपक बडोला की पत्नी को स्थायी नौकरी, एक करोड़ रुपये मुआवजा, घायलों का मुफ्त इलाज के साथ 20-20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है। वहीं देहरादून बंद करने के दौरान प्रदर्शन कर रहे मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी समेत अन्य प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
गौरतलब है, कि रवि बडोला हत्याकांड के मुख्य आरोपित रामवीर और अंकुश को पुलिस ने बीते बुधवार को कोर्ट में पेश किया था, जहां से दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया। पुलिस ने दोनों आरोपितों की कस्टडी रिमांड मांगी है। इस संबंध में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में शुक्रवार 21 जून को सुनवाई होगी।
पुलिस की जांच के दौरान पता चला है, मुजफ्फरनगर के हिस्ट्रीशीटर रामवीर ने ही सबसे पहले फायरिंग की थी, लेकिन पुलिस को अभी तक वो हथियार नहीं मिला है, जिससे गोलियां चलाई गई थी। पुलिस को संदेह है, कि आरोपित रामवीर ने मुजफ्फरनगर में हथियार छिपाया है। वह पहले भी दो हत्या की वारदात को अंजाम दे चुका है। उसके खिलाफ पूर्व में जघन्य अपराध के छह मुकदमे दर्ज है।