13 जनवरी 2025 से यूपी के प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ का शुभारंभ हो रहा है। प्रयागराज महाकुंभ में दुनिया भर के संतों का जमावड़ा लगने जा रहा है। महाकुंभ के लिए गंगा में पानी की व्यवस्था शुरू हो गई। इसी क्रम में टिहरी बांध से 15 दिसंबर से रोज 200 क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अनुरोध पर 20 जनवरी के बाद टिहरी बांध की झील से गंगा में अतिरिक्त पानी छोड़ा जायेगा। इस कार्य के लिए टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (THDC) ने अपनी तैयारियां कर ली है। बता दें, कि वर्तमान में गंगा में प्रतिदिन 200 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
टीएचडीसी के अधिकारियों के अनुसार,अभी यह तय नहीं है, कि कितना अतिरिक्त पानी छोड़ा जायेगा। टीएचडीसी का दावा है, कि दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को प्रयागराज में डुबकी लगाने के लिए भरपूर जल मिलेगा। प्रयागराज महाकुंभ में दौरान गंगा में पानी उपलब्धता बनाए रखने के लिए टिहरी बांध से पानी छोड़ा जा रहा है।
टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के अनुसार, टिहरी झील में महाकुंभ मेले के दौरान देवप्रयाग से लेकर प्रयागराज तक सभी गंगा घाटों को लबालब भरने के लिए पर्याप्त पानी है। दरअसल, सर्दी में कम बारिश और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने के कारण नदियों का जलस्तर कम हो जाता है।
टीएचडीसी प्रशासन के मुताबिक, वर्तमान में टिहरी झील का जलस्तर 811.04 आरएल मीटर है और झील से 220 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। टीएचडीसी के अधिकारियों ने बताया, कि झील में कुंभ मेले के लिए भरपूर पानी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है, कि कुंभ पर्व पर संगम तट पर स्नान के लिए पर्याप्त जल रहेगा।
एसएस पंवार, सीजीएम, टीएचडीसी ने बताया, “प्रदेश की मांग के अनुसार पानी छोड़ा जा रहा है। इन दिनों 220 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। टिहरी झील में जलापूर्ति के लिए भरपूर पानी उपलब्ध है। पानी निकासी के लिए बांध प्रशासन द्वारा पूरी तैयारियां कर ली गई हैं।”