तराई के जंगलों में बढ़ती संदिग्ध गतिविधियों और वन तस्करों के साथ मुठभेड़ों की घटनाओं के मद्देनजर तराई के जंगलों में वन विभाग अपनी टीम को सशक्त बनाने में जुट गया है। अब वनकर्मियों को बुलेटप्रूफ जैकेट्स और आधुनिक हथियारों से लैस किया जाएगा, और उन्हें इन हथियारों का उपयोग करने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, इस प्रस्ताव को शासन को भेजा जा चुका है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस और वन विभाग की भी मदद ली जाएगी। तराई के जंगल अब लकड़ी तस्करी का मुख्य केंद्र बनते जा रहे हैं, जहां तस्कर आधुनिक हथियारों और उपकरणों का इस्तेमाल कर जंगल में घुसकर बेशकीमती लकड़ी काटते है।
मुड़भेड़ के दौरान वनकर्मियों को तस्करों के साथ मुकाबला करना कठिन हो जाता है और कई बार उन्हें अपनी जान बचाने के लिए मौके से भागना पड़ता है। पिछले दो महीनों में वनकर्मियों और तस्करों के बीच पांच बार संघर्ष हो चुका है। वन विभाग अब तस्करों से निपटने के लिए कई आधुनिक उपकरण खरीदने जा रहा है, जिसमें रिवॉल्वर, बुलेटप्रूफ जैकेट, ड्रोन, पंप एक्स गन और 315 बोर की नई राइफल शामिल हैं।
इसके साथ ही पुराने हथियारों की मरम्मत भी की जाएगी। इसके अलावा एक उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी, जिसमें तस्करों को पकड़ने और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए रणनीति बनाई जाएगी। वर्तमान में वनकर्मियों के पास 20 साल पुराने जंग लगे 312 और 315 बोर के हथियार हैं, जबकि तस्करों के पास एके-47 समेत अन्य आधुनिक हथियार मौजूद हैं। ये तस्कर साइलेंसर लगे उपकरणों से पेड़ काटते हैं और लकड़ी को आसानी से लेकर भाग जाते हैं।
फिलहाल पुलिस अभी ये पता नहीं लगा पाई है, कि तस्करों को ये आधुनिक हथियार कहां से मिल रहे हैं। वन तस्करों से मिल रही इन चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए प्रशासन को आधुनिक हथियार, ड्रोन और बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही वनकर्मियों को इन उपकरणों के संचालन का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
बता दें, कि बीते शुक्रवार को दोपहर में गश्त तराई केंद्रीय वन प्रभाग के पीपलपड़ाव रेंज में सागौन के पेड़ काट रहे तस्करों की वन कर्मियों से मुठभेड़ हो गई थी। इस दौरान दोनों तरफ से कई राउंड गोली चलीं। मुड़भेड़ में रेंजर समेत चार वन कर्मी घायल हो गए। घटना का पता चलते ही वन विभाग और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था।