भक्त कैसा हो और उसकी भक्ति का समर्पण कैसा होना चाहिए, इसका सर्वोच्च उदाहरण है, कृष्ण भक्त मीराबाई। भगवान श्रीकृष्ण की परमभक्त मीरा बाई ने जीवनभर भगवान कृष्ण की भक्ति की और कहा जाता है कि मृत्यु के बाद वह भगवान की मूर्ति में समा कर इस संसार से विदा हुई थी। श्रीकृष्ण भक्ति का रस भी अद्भुत है, जो प्रभु की स्तुति में लीन हो जाता है। भगवान श्रीकृष्ण की ऐसी ही लगन हल्द्वानी निवासी हर्षिका पंत को भी लगी है।
परमभक्त मीरा की तरह ही हल्द्वानी स्थित इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में रहने वाली दिव्यांग हर्षिका पंत ने अपना जीवन भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया है। गुरुवार (11 जुलाई 2024 ) को 21 साल की युवती ने श्रीकृष्ण से अनन्य प्रेम के चलते विवाह किया।
उत्तराखण्ड के हल्द्वानी निवासी, हर्षिका पंत ने गुरुवार को भगवान श्रीकृष्ण के साथ विवाह किया। विधिवत परम्पराओं और मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न विवाह समारोह में, 300 बाराती शामिल हुये। #nainital #lordkrishna pic.twitter.com/0nrzTPYllj
— tagnewslist (@tagnewslist) July 11, 2024
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हल्द्वानी निवासी दिव्यांग हर्षिका पंत ने भगवान कृष्ण से विवाह रचाकर ईश्वर के प्रति समर्पण का भाव व्यक्त किया है। मूल रूप से बागेश्वर के रहने वाले पूरन चंद्र पंत वर्ष 2020 में हल्द्वानी में रह रहे है। उन्होंने बताया, उनकी पुत्री बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण की भक्त है। जब वह मात्र आठ वर्ष की थी, तो स्वप्न में हर्षिका को कान्हा के दर्शन हुए और उसने यह बात अपनी माता को भी बताई थी।
इस घटना के बाद उनकी पुत्री का आकर्षण मुरली मनोहर की ओर हुआ। जब हर्षिका की आयु 10 वर्ष की हुई, तो उसने कान्हा के लिए करवा चौथ का व्रत रखना आरंभ किया और तब से वह प्रतिवर्ष यह व्रत रखती है। श्रीकृष्ण को अपना परमेश्वर मानने वाली हर्षिका ने मीराबाई की तरह अपने जीवन को भगवाल श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया है। आज गुरुवार को बैंड बाजे की धुन और 300 से अधिक बरातियों की उपस्थिति में हर्षिका ने श्रीकृष्ण की मूर्ति से विवाह किया।
बता दें, कि विवाह की तैयारियां बीते छह महीने से चल रही थी। पिता पूरन चंद्र पंत ने बताया, कि धर्म पुरोहित से विधि-विधान पूछने पर उन्होंने वृंदावन में विवाह कार्य होने की जानकारी दी। यद्यपि वृंदावन जाकर वैवाहिक आयोजन करना संभव नहीं था, इसलिए परिजन 1 जुलाई को प्रेम मंदिर वृंदावन गए और वहां भगवान के नाम का निमंत्रण पत्र दिया और 3 जुलाई को वहां से भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा धूमधाम से उनके घर पहुंची।
बुधवार को उनके आवास पर महिला संगीत कार्यक्रम का आयोजन हुआ। पिता पूरन चंद्र ने बताया, कि तीन सौ से अधिक लोगों को निमंत्रण भेजा गया है। हर्षिका के पिता ने बताया, कि उनकी पुत्री का बाल्यकाल से भगवान श्रीकृष्ण के साथ ऐसा लगाव रहा है, कि वह उन्हीं से विवाह करने की जिद बांधकर बैठी थी। बेटी की इच्छा का सम्मान करते हुए परिवार ने यह निर्णय लिया है। बता दें, कि हल्द्वानी के बेरीपड़ाव में लगभग 10 साल पहले भी ऐसा विवाह हो चुका है।