रुद्रप्रयाग जिले में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। क्षेत्र में दो कलयुगी बेटों ने मिलकर अपने ही पिता को मौत के घाट उतार दिया। आरोपियों ने कत्ल के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए शव का आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने साथ ही हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। घटनास्थल पर पहुंची फारेंसिक टीम ने भी सबूत जुटाए है।
बेडूला गांव में बलवीर सिंह (52) की उनके दो पुत्रों ने बीते बुधवार की रात मारपीट के बाद धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। गुरुवार सुबह दोनों बेटे अपने पिता के शव को लेकर नदी किनारे पहुंचे और जला दिया। नदी किनारे धुआँ उठता देख कुछ स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तो दोनों आरोपी उनके साथ गाली-गलौज करने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बची हुई हड्डियां व राख को लेकर प्रारंभिक जांच शुरू की।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऊखीमठ विकास खंड के त्रिवेणी घाट में बेडुला गांव के निवासी बलबीर सिंह राणा चाय की दुकान चलाते थे। जबकि उसका छोटा बेटा मनीष राणा (22) गांव के आस-पास मजदूरी व अन्य कार्य करके अपना जीवनयापन कर रहा था। वहीं बड़ा बेटा अमित राणा (30) मुंबई के एक होटल में नौकरी करता है।
बताया जा रहा, कि तीन दिन पहले ही मृतक का बड़ा बेटा मुंबई से घर आया था। बीते बुधवार की रात दोनों बेटों का पिता के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। विवाद इतना ज्यादा आगे बढ़ गया, कि दोनों बेटे एक साथ अपने बाप के साथ मारपीट करने लगे। इस दौरान स्थिति यहां तक पहुंच गई, कि दोनों ने मिलकर पिता की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी।
अपनी करतूत को छुपाने के लिए दोनों बेटों ने पिता के शव का गुरुवार सुबह अंतिम संस्कार कर दिया। नदी किनारे धुआं उठता देख ग्रामीण मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इस दौरान दोनों आरोपी भड़क गए और उन्होंने ग्रामीणों के साथ भी गाली-गलौच व धक्का मुक्की शुरू कर दी। जिसके बाद ग्राम प्रहरी ने इस घटना की सूचना तत्काल पुलिस को दी।
गुप्तकाशी थाने में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 हत्या और भारतीय न्याय संहिता की धारा 238 साक्ष्य छुपाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजने की कार्यवाही की जा रही है। दोनों आरोपियों का कहना है, कि उनका पिता बचपन में उन्हें बहुत बेरहमी से पीटता था, इस कारण वह अपने पिता को पसंद नहीं करते थे।