उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी में सफाई कर्मियों की हड़ताल पर बुधवार (30 नवंबर 2022) को मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए छह दिनों से हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा, कि “दस मिनट में काम पर लौटो, नहीं तो कार्रवाई होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाईकोर्ट के इस सख्त रुख के बाद अब हड़ताल समाप्त होने के आसार बढ़ गए है।
उल्लेखनीय है, कि बीते सोमवार को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे ने हल्द्वानी निवासी दिनेश चंदोला की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था, कि पिछले 6 दिनों से हल्द्वानी में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर गए हुए है। हड़ताल के चलते हल्द्वानी नगर कूड़े के ढ़ेर से पट गया है।
हाईकोर्ट ने कहा, कि हल्द्वानी शहर में पहले डेंगू पहले से फैला हुआ है। ऐसे में शहर में साफ सफाई ना होने के कारण जगह-जगह बिखरे कूड़े के कारण घातक संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। शहर में फैले कूड़े कचरे को जानवर खा रहे है।
जानकारी के लिए बता दें, कि सफाई कर्मियों ने मानदेय बढ़ाने समेत अन्य पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 24 नवंबर से हड़ताल कर दी थी। इसके बाद शहर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। कूड़ा ना उठने से शहर के गली, मोहल्लों में भीषण गंदगी फैल चुकी है। हालात के मद्देनजर नगर आयुक्त और नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने स्वयं कूड़ा गाड़ी लेकर घर-घर से कूड़ा एकत्र किया था, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।
इसके बाद हड़ताली सफाई कर्मियों ने कूड़ा गाड़ियाें की चाबियां जबरन जब्त कर ली थी। हालाँकि हाई कोर्ट द्वारा मामले पर संज्ञान लेने बाद कोर्ट ने एसएसपी को जब्त गाड़ियां छुड़ाने और इसमें व्यवधान डालने वालों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के बाद हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम को कूड़ा गाड़ी की चाबियां सौंप दी थी, लेकिन कर्मचारियों के काम पर वापस ना लौटने से सफाई व्यवस्था पटरी से उखड़ गई।