उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी (HNBGU) में सीबीआई के द्वारा छापेमारी की कार्यवाही की गयी है। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी का विवादों से पुराना नाता है और गढ़वाल विश्वविद्यालय बीते कुछ वक्त से नियमों-कानूनों की धज्जिया उड़ाते हुए कई निजी संस्थानों को यूनिवर्सिटी की संबद्धता देने सहित भ्रष्टाचार जैसे गम्भीर आरोप के चलते सुर्खियों में बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार, सीबीआई की चार सदस्यीय टीम ने छापेमारी के दौरान गढ़वाल यूनिवर्सिटी के एफिलिएशन से संबंधित दस्तावेजों को बेहद बारीकी से खंगाला है। सीबीआई की छापेमारी की सूचना मिलते ही विवि प्रशासन के अधिकारियो और कर्मचारियों के बीच हड़कंप मच गया। निजी शिक्षण संस्थानों की संबद्धता और सीट वृद्धि मामले की पड़ताल कर रही सीबीआई ने बुधवार को कुलसचिव सभागार में बैठकर दस्तावेज खंगाले। सीबीआई की टीम एक-दो दिन श्रीनगर में ठहरकर रिपोर्ट तैयार करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल वर्ष 2014 से 2016 के बीच उस वक्त के कुलपति जेएल कौल एवं उनके ओएसडी, कुछ अधिकारियो और शिक्षकों के विरुद्ध सीबीआई को शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत के जरिये आरोप लगा था, कि गढ़वाल यूनिवर्सिटी के कुछ अधिकारियों ने निजी शिक्षण संस्थानों की संबद्धता जारी करने के मामले में धांधली की है। इस पुरे प्रकरण से इतना विवाद उत्पन्न हो गया था, कि तत्कालीन कुलपति प्रो. जेएल कौल की गढ़वाल यूनिवर्सिटी से तीन साल में ही विदाई हो गई थी।