भारत में जबरन धर्मांतरण अब एक नए आतंकवाद के रूप में जन्म ले रहा है। मजहबी कट्टरता के जरिये गैर इस्लामी लोगो का जबरन धर्मान्तरण करवाया जा रहा है। खुफिया एजेंसियो को मतांतरण मामले में ‘विदेशी फंडिंग’ के भी सबूत मिले है। भारत में निवास करने वाला बहुसंख्यक हिंदू समाज क्या अपने ही देश में सुरक्षित है, यह सवाल आज हिन्दू समाज के सामने चुनौती बनकर खड़ा हो गया है।
जबरन धर्मान्तरण के एक नए मामले में उत्तराखंड निवासी युवक जो रोजगार की तलाश में राजस्थान गया था , उसका तमंचे के बल पर जबरन धर्मान्तरण करवा दिया गया। किसी प्रकार युवक मौका देखकर अपनी जान बचाकर पहले मुजफ्फरनगर पंहुचा। उसके बाद सहारनपुर पहुंचकर उसने हिन्दू संगठन के सहयोग से एसपी सिटी से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई।
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार नैनीताल तल्लीताल निवासी नितिन पंत ने अपनी शिकायत में बताया, कि 2010 में वह रोजगार की तलाश में राजस्थान के अलवर जनपद के भिवाड़ी गया था। काफी खोजबीन के बाद भी उसे नौकरी नहीं मिल रही थी। नौकरी ढूढ़ने के दौरान युवक की मुलाकात मुस्लिम समाज के कुछ युवको से हुई।
युवक का आरोप है ,कि उसे वे मुस्लिम युवक नौकरी दिलाने का झांसा देकर राजस्थान मेवात के पंचगांवा गांव ले गए। जंहा पर मौलानाओ ने युवक का बंदूक की नोक पर जबरन धर्म परिवर्तन करवाया। इसके बाद युवक पर बेइंतिहा जुल्म ढाये गए। युवक को एक कमरे में बंद करके कई – कई दिनों तक भूखा प्यासा रखा गया।
युवक को मौलानाओ द्वारा इस्लाम की शिक्षा दी जाती थी। युवक के विरोध करने पर उसे बिजली का करंट देकर प्रताड़ित किया जाता था। इस प्रकार अनेक यातनाये सहने के बाद एक दिन अवसर पाकर युवक उस स्थान से भागने में सफल हो गया। जिसके बाद वह किसी प्रकार मुजफ्फरनगर पंहुच गया। इसके बाद उसने सहारनपुर पहुंच कर हिन्दू संगठनों से मदद की गुहार लगाई।
युवक की आपबीती सुन हिन्दू संगठनो द्वारा इलाके के एसपी सिटी से मिलकर शिकायत दर्ज की। क्षेत्र के एसपी सिटी द्वारा मामले के जाँच पड़ताल के आदेश दे दिए गए है। हालाँकि अभी इस मामले में मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया है।
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