उत्तराखंड के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा बीते सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में गृह प्रवेश किया। जानकारी के लिए बता दे, राज्य की राजधानी देहरादून में स्थित मुख्यमंत्री आवास को लेकर कई मिथक जुड़े है। माना जाता है,कि जो भी मुख्यमंत्री इस आवास में निवास करता है, वह अपना मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं कर पता है।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा मुख्यमंत्री आवास से जुड़े मिथको पर कहा, कि वह सदैव कर्म की प्रधानता में यकीन रखते हैं,और वर्तमान परिस्थिति में जीते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, कि उन्होंने ना तो कभी भूतकाल की परवाह की है ,और भविष्य में क्या परिस्थिति होगी, इसकी चिंता व्यर्थ में क्यों की जाये। उन्होंने कहा, कि मुख्यमंत्री आवास में राज्य के संसाधनो का उपयोग हो रहा है। इसलिए जो राज्य का प्रधान सेवक है, उसे मुख्यमंत्री आवास में ही रहना चाहिए।
आज मुख्यमंत्री आवास स्थित शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की और गौशाला में गौ माता से आशीर्वाद लिया। इसके पश्चात न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रवेश किया। pic.twitter.com/hUFZ40f543
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 26, 2021
दरअसल मुख्यमंत्री आवास से जुड़े मिथक के अनुसार यह मुख्यमंत्रियों के लिए अशुभ माना जाता है। इस आवास में निवास करने आए भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे,और उन्हें मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। उसके बाद विजय बहुगुणा भी मुख्यमंत्री आवास में रहे,परन्तु वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। हालाँकि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री आवास से दूरी बनाए रखी, वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ बीजेपी की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आवास में रहने आए,किन्तु वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का मुख्यमंत्री कार्यकाल अल्प अवधि का रहा। सो वह इस मुख्यमंत्री आवास में नहीं रहने नहीं आ पाए। इसलिए राजनितिक गलियारे में ऐसे सवाल फिजाओ में तैरने लगे थे, कि क्या राज्य के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन तमाम मिथको को दरकिनार रख, इस मुख्यमंत्री आवास में रहने आएंगे अथवा नहीं। परन्तु राज्य के युवा मुख्यमंत्री ने सभी मिथको को दरकिनार कर कर्म की प्रधानता को सर्वोपरि रख मुख्यमंत्री आवास में रहने का निर्णय किया, जो सराहनीय और स्वागतयोग्य है।