उत्तराखंड राज्य के पूर्व बीजेपी प्रदेश महामंत्री गजराज सिंह बिष्ट द्वारा नैनीताल में शनिवार को हिन्दू समाज का आभार प्रकट करते हुए कहा, कि वर्तमान काल में देवभूमि उत्तराखंड में कुछ अधर्मी लोग अराजकता और अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका प्रतिरोध करने के लिए आज पूरा हिन्दू समाज एक साथ खड़ा है, जिसके लिए मैं समस्त हिन्दू समाज का हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।
पूर्व बीजेपी प्रदेश महामंत्री और उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रह चुके गजराज सिंह बिष्ट ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक वीडियो साँझा किया है, जिसमें वह वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कह रहे है, कि राष्ट्र के विभाजन होने के बाद लगभग दो करोड़ मुस्लिम हिंदुस्तान में रहे, जबकि दो करोड़ मुस्लिम पाकिस्तान चले गए थे। स्वतंत्रता प्राप्ती के सत्तर वर्षो के बाद आज हमारे स्नेह के कारण यह आकड़ा दो करोड़ से बढ़कर बीस 20 करोड़ तक पहुंच गया है।
गजराज सिंह बिष्ट ने कहा, कि जम्मू कश्मीर राज्य भी पूर्व में हमारे राज्य के सामान शांतिप्रिय था, किन्तु वहाँ एक-एक करके मुस्लिम परिवारो की संख्या बढ़ती चली गयी और हिन्दू परिवारों की संख्या घटती गई। जैसे ही कश्मीर राज्य में साठ फीसदी आबादी मुस्लिम समाज की हुई, वैसे ही उन्होंने चालीस फीसदी हिन्दुओं को उसके गृह स्थान से खदेड़ दिया। वर्तमान में कश्मीर राज्य के लगभग 23 फीसदी कश्मीरी पंडितो की आबादी राजधानी दिल्ली में शरण लिए हुए है।
भाजपा के पूर्व महामंत्री गजराज बिष्ट ने कहा, कि इस प्रकार की परिस्थिति का सामना हमारे राज्य को ना करना पड़े, इसके लिए समय रहते हमें उचित कदम उठाना है। यह मात्र एक जमीन का प्लॉट बेचने अथवा एक रजिस्ट्री करने का मामला नहीं है, बल्कि हिंदुत्व को बचाने का एक प्रयास है। समस्त उत्तराखंडी भाई बहनो को इस लड़ाई में सभी मतभेद भुलाकर एकजुट होना होगा।
जानकारी के लिए बता दे, देवभूमि उत्तराखंड के कुछ विशेष इलाको में डेमोग्राफिक परिवर्तन पर प्रदेश की सरकार द्वारा भी चिंता प्रकट की है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, लंबे समय से यह चर्चा का विषय है, कि राज्य में कुछ इस प्रकार के लोग आकर बस गए है, जिस कारण उत्तराखंड राज्य में डेमोग्राफिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। इस मामले की जांच पड़ताल होनी चाहिए। हालांकि मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट तौर पर कहा है, कि ये जांच किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाने के लिए नहीं की जा रही है।