केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 में संशोधित परिवहन एक्ट के अनुसार दो बार या उससे अधिक बार एक ही अपराध में चालान होने पर जुर्माने की राशि पांच से दस हजार तक हो सकती है। इसके साथ ही वाहन चालक का लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है। लेकिन उत्तराखंड राज्य में यातायात पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा काटे जा रहे, ई चालान की जानकारी एक जगह एकत्र ना होने की वजह से इस प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।
दरअसल उत्तराखंड राज्य में परिवहन विभाग और यातायात पुलिस दोनों ही सड़क पर नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के चालान काटते हैं। परिवहन विभाग द्वारा काटे गए चालान तो वाहन सॉफ्टवेयर में दर्ज हो जाते थे,लेकिन यातायात पुलिस द्वारा काटे गए चालान इसमें दर्ज नहीं होते थे,क्योंकि पुलिस द्वारा ट्रैफिक आई ऐप पर चालान काटा जाता है। इसके परिणामस्वरूप अगर किसी वाहन चालाक अथवा वाहन का एक से ज्यादा बार चालान हो गया, तो वाहन सॉफ्टवेयर में जानकारी मात्र उसी चालान की होती थी, जिसे परिवहन विभाग के द्वारा काटा गया हो।
इसी समस्या के निराकरण के लिए कुछ ही दिनों पूर्व हुई परिवहन सचिव रणजीत सिन्हा द्वारा परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक में पुलिस की ट्रैफिक “आई ऐप” को वाहन परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर से जोड़ने की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा, कि परिवहन विभाग के ट्रैफिक पुलिस की आई ऐप से जुड़ने से वाहनों और वाहन चालकों के खिलाफ किए जाने वाले चालान की जानकारी एक ही सॉफ्टवेयर में उपलब्ध हो सकेगी।
यातायात पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा काटे गए चालान एक ही ऐप के माध्यम से काटे जाने से सभी चालान अब एक ही जगह नजर आएंगे। इसके लिए यातायात पुलिस द्वारा उपयोग में लाये जा रहे ‘ट्रैफिक आई ऐप’ को डेवलप करने की तैयारी चल रही है। ‘ट्रैफिक आई ऐप’ को परिवहन विभाग के वाहन सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा। जिससे इस ऐप के माध्यम से काटे गए सभी चालान की जानकारी एक ही स्थान पर मिल सकेगी।