उत्तराखंड में बीते शुक्रवार से हो रही बारिश का क्रम बुधवार को भी जारी है। विशेषकर भारी बारिश के चलते पिछले 24 घंटे में जन-धन की भारी हानि हुई है। बीते मंगलवार को भी चार धाम यात्रा मार्ग दिनभर बंद होते और खुलते रहे। इस कारण कई बार तीर्थ यात्रियों को जगह -जगह रोकना पड़ा। राज्य के आठ जिलों में बुधवार को भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, अन्य पांच जिलों में बारिश का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत, अल्मोड़ा, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में बारिश का येलो अलर्ट और उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, हरिद्वार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, सभी जिलों में बिजली चमकने और तेज गर्जना के साथ कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश की संभावना है।
Forecast/warning for Uttarakhand issued on 12.07.2023 pic.twitter.com/93gEMCQriv
— Meteorological Centre Dehradun (@mcdehradun) July 12, 2023
उत्तराखंड में आसमानी आफत कहर बनकर बरस रही है। मैदानी क्षेत्रों से लेकर पहाड़ों तक भारी बारिश के चलते हाहाकार है। लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर है और नदिया खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। देहरादून में पिछले 24 घंटे में हुई बारिश ने 65 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सोमवार रात से मंगलवार रात तक दून में 207 मिमी वर्षा हुई, जो 56 वर्ष बाद 24 घंटे में सर्वाधिक वर्षा है।
#WATCH | Uttarakhand | Due to the release of water from NHPC's Chirkila Dam in Dharchula, border area of Pithoragarh district, the water level of Dhauli and Kali rivers have increased. pic.twitter.com/2cHfzkSwFC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 12, 2023
वहीं हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मानसून तबाही बनकर बरस रहा है। बाढ़-बारिश के अलावा दरकते पहाड़ और चटकती चट्टानें लोगों को दहशत में डाल रही है, कई जगहों पर भूस्खलन ने रास्तों को बाधित कर दिया है और कई जगह पर्यटक जहां-तहां फंसे हुए है। एक तरफ जहां पहाड़ी क्षेत्र मौसम की मार से कराह रहे है, तो वहीं, मैदानी इलाको में भी बादल कहर बनकर बरस रहे है।
मौसम विभाग के अनुसार, पूर्वोत्तर राजस्थान और उससे सटे उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश क्षेत्र पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जो समुद्र तल से 5.8 किमी किमी ऊपर तक फैला हुआ है। वहीं, पश्चिमी विक्षोभ एक ट्रफ के रूप में मौजूद है, जिसके चलते कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना बन रही है।