पुरोला में क्रिसमस से दो दिन पहले सामने आये धर्मांतरण मामले के विरोध में सोमवार (26 दिसंबर 2022) को पुरोला नगर व्यापार मंडल ने क्षेत्र में बाजार समेत अन्य सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से बंद रखे। इस दौरान स्थानीय नागरिकों समेत व्यापारियों ने सड़कों पर उतरकर अवैध धर्मांतरण के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करवाया। उल्लेखनीय है, कि इस मामले में प्रशासन ने संशोधित धर्मांतरण कानून के तहत उत्तराखंड में पहला मुकदमा दर्ज किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जबरन धर्मांतरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में विभिन्न हिंदू संगठनों और भाजपा के कार्यकर्त्ताओं ने भी हिस्सा लिया। विरोध कर रहे स्थानीय निवासियों ने नगर में जुलूस निकालकर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की। इसके बाद प्रदर्शनकारी तहसील में धरना देने पहुंचे और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन पत्र भेजा।
उत्तरकाशी जनपद के पुरोला विधानसभा में धर्मातंरण के खिलाफ हिन्दू संगठन और स्थानिय लोगों का आक्रोश
पुरोला बाजार रहा बंद
धर्मातंरण करवा रहे लोगों पर कानून कार्रवाही की मांग।#Conversion #saynotoconversion pic.twitter.com/qvC8gztBxo— bhupi panwar (@askbhupi) December 26, 2022
मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय ग्रामीणों सहित घटना की रिपोर्टिंग करने गए मीडिया कर्मियों पर मुकदमे दर्ज करने का विरोध भी दर्ज किया। क्षेत्र में चल रहे अवैध धर्मांतरण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने उनकी मांगें पूरी ना होने पर रवांई घाटी में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, व्यापार मंडल के अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने कहा, कि कुछ बाहरी तत्वों द्वारा इलाके के गरीबों को लालच देकर अवैध धर्मांतरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, कि इस प्रकार की अवैध गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस की जांच में सामने आया है, कि धर्मांतरण कराने के लिए मसूरी से पादरी को बुलाया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने दोनों पक्षों की तरफ से मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। एडीजी वी मुरुगेशन ने मीडिया को जानकारी दी, कि प्राथमिकता के आधार पर मुकदमे की विवेचना करने के आदेश दिए गए है। संशोधित कानून के तहत उत्तराखंड में यह पहला केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें, कि क्रिसमस से दो दिन पहले शुक्रवार (23 दिसंबर 2022) को पुरोला स्थित देवढुंग क्षेत्र में एक संस्था की निर्माणाधीन बिल्डिंग में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय ग्रामीणों ने दावा किया था, कि निर्माणाधीन भवन में बड़ी संख्या में हिन्दुओं को एकत्रित कर जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा था। समारोह स्थल से ईसाई साहित्य की पुस्तकें भी बरामद की गई थी।
धर्मांतरण की खबर मिलते ही बड़ी तादात में स्थानीय ग्रामीण कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, समारोह में धर्मांतरण करने के लिए केरल से भी कुछ लोगो को बुलाया गया था। कार्यक्रम स्थल पर धर्मांतरण का संदेह होने पर ग्रामीणों व आयोजकों के बीच जमकर बहस भी हुई थी। इस दौरान ग्रामीणों व समारोह आयोजकों में हाथापाई भी हुई। निर्माणाधीन भवन नेपाली मूल के नागरिक का बताया जा रहा है।