उत्तराखंड में धामी सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में नए शहरो के विकास और पलायन वापसी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ऋषिकेश -कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना में निर्माणाधीन 11 रेलवे स्टेशन वाले स्थलों व इनके निकटस्थ क्षेत्रों को सुंदर शहरों के रूप में विकसित करने के फैसले पर धामी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। परियोजना के पूर्ण होने के बाद उत्तराखंड के छोटे-छोटे गांव भी रेल सेवा से जुड़ जाएंगे, पर्यटन के साथ रोजगार बढ़ेगा।
सचिवालय में बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में पर्वतीय क्षेत्रों के विकास, कर्मचारियों, उद्यमियों, निर्धन परिवारों, युवाओ के हित में अहम निर्णय लिए गए। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बैठक के बाद मीडिया को जानकारी दी, कि रेलवे स्टेशन के निकटवर्ती क्षेत्र में हर प्रकार के नए निर्माण पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। इसमें सरकारी और निजी सभी प्रकार के निर्माण शामिल हैं। सुरक्षित निर्माण के लिए सख्त मानक भी तय किए जाएंगे।
उन्होंने बताया, कि परियोजना के अंतर्गत योगनगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, ब्यासी, सिराला, चिलगढ़ मल्ला, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, तिलानी, घोलतीर और गौचर में रेलवे स्टेशन निर्माणाधीन है। सभी क्षेत्रों का विकास अब मास्टर प्लान के तहत किया जायेगा। इसके साथ ही इनके निकटस्थ क्षेत्रों में नए शहर भी विकसित किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है, कि पर्वतीय क्षेत्रों में रेलवे संचालन शुरू होने के बाद इस पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव आना तय है। व्यापारिक, शैक्षिक व पर्यटन की गतिविधियों में तेजी आएगी। इसके लिए निर्माण कार्य भी तेजी से विस्तार लेंगे। ऐसे में विकास और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य होने जरूरी हैं। बता दें, कि परियोजना से जुड़े अधिकतर स्थानों पर काम लगभग पूरा हो चुका है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वर्ष 2024 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।