नैनीताल उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति-2023 की धारा-5.5 के तहत 200 एमएल देशी मदिरा टेट्रा पैक में बेचने पर फिलहाल रोक लगाते हुए कहा है, कि इस नई नीति से पर्यावरण को हानि पहुंचेगी और सरकार यह जानकारी दे, कि किस अध्ययन अथवा शोध के बाद यह कदम उठाया गया है। कोर्ट ने कहा, कि प्रत्येक महीने एक करोड़ टेट्रा पैक बिकेंगे, तो इससे गंदगी होगी और पर्यावरण को नुकसान होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार (18 अप्रैल 2023) को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में चंपावत निवासी नरेश चंद्र की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्त्ता ने अपनी याचिका में कहा है, कि 200 एमएल देशी मदिरा टेट्रा पैक में बेचने वाली आबकारी नीति पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगी और एक ओर सरकार प्लास्टिक के उन्मूलन का कार्यक्रम चला रही, तो दूसरी तरफ टेट्रा पैक के जरिये से इसे प्रमोट कर रही है।
सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए सीएससी चंद्रशेखर रावत ने याचिका का विरोध करते हुए कहा, कि वर्तमान में जूस, दूध और छांछ समेत अन्य कई उत्पाद टेट्रा पैक में ही बेचे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, कि राज्य सरकार ने सोच समझकर यह फैसला लिया है। मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को तय की गई है।