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माणा गांव के निकट भारी हिमस्खल,CM धामी ने संभाला मोर्चा, (चित्र साभार : जागरण)
उत्तराखंड में मौसम के तल्ख तेवर के बीच शुक्रवार (28 फरवरी 2025) को माणा कैंप के पास ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हुआ है। इस दौरान निर्माण कार्य में लगे 57 मजदूर बर्फ में दब गए। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बताया, कि अब तक 15 मजदूरों को निकाल लिया गया है। जबकि अन्य की तलाश जारी है।
चमोली में हिमस्खलन को लेकर अब सीएम धामी ने मोर्चा संभाल लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक देहरादून में आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे और अधिकारियों से हिमस्खलन की घटना की जानकारी ली।
देहरादून में आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे माननीय मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी
आपदा परिचालन केंद्र से जनपद चमोली के माणा गांव के निकट हिमस्खलन की घटना की जानकारी ले रहे हैं मुख्यमंत्री जी.. pic.twitter.com/tLNItapBGC
— Office Of Pushkar Singh Dhami (@OfficeofDhami) February 28, 2025
हादसे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख प्रकट करते हुए कहा, “जनपद चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है। भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं।”
जनपद चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।
ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है।
भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 28, 2025
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मीडियाकर्मियों को बताया, कि माणा पास के बीच हिमस्खलन होने से मजदूरों के दबने की सूचना है। एयर फोर्स से मदद मांगी जा रही है। सेना, आईटीबीपी रेस्क्यू में लगी है। आपदा कंट्रोल रूम का कहना है, कि आईटीबीपी की टेक्निकल टीमों को आपदा प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है। वहीं हेलीकॉप्टर को भी आपातकाल मोड में रखा गया है।
बताया जा रहा है, कि चमोली के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से भारी बर्फबारी हो रही थी। बदरीनाथ मंदिर से तीन किमी दूर हाईवे के पास हिमस्खलन आने की सूचना है। माणा गांव भारत और चीन के बॉर्डर पर स्थित है। इस क्षेत्र में सेना का बेस कैंप भी है, लिहाजा सबसे पहले सेना रेस्क्यू अभियान में जुटी। वहीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों के साथ ही BRO की टीमें भी बचाव कार्य में जुट गई है।