
चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में इस वर्ष चारधाम यात्रा को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता से जोड़ने के लिए ‘ग्रीन चारधाम यात्रा अभियान’ शुरू किया जाएगा। चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर होने जा रहा है और इसे सुचारु रूप से संचालित करने के लिए प्रशासन ने अपनी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं।
इसी क्रम राज्य का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा को प्लास्टिक फ्री यात्रा के रूप में दर्ज कराने के लिए अपनी तीन रणनीतियों को धरातल में उतारने पर कार्य कर रहा है। दरअसल, देवभूमि में चार धाम यात्रा के दौरान प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम से कम करने के लिए बोर्ड में कुछ बड़े फैसले लिए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड इस बार चारधाम यात्रा को प्लास्टिक फ्री करने की योजना पर कार्य कर रहा है। बोर्ड ने प्लास्टिक कचरे को राज्य से खत्म करने और चारधाम को प्लास्टिक फ्री यात्रा बनाने के लिए अपनी रणनीति का पहला हिस्सा जागरूकता के रूप में रखा है।
इसके तहत न केवल उत्तराखंड आने वाले यात्रियों को प्रदेश में दाखिल होने के दौरान विभिन्न स्थानों पर प्लास्टिक के कचरे से देवभूमि को मुक्त रखने के लिए जागरूक किया जाएगा। साथ ही स्थानीय निवासियों को भी इस संबंध में जागरूक कर प्लास्टिक के दुष्प्रभावों और इसका इस्तेमाल करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानकारी दी जाएगी।
इसके साथ ही चारधाम यात्रा के दौरान संचालित होने वाली टैक्सी और यात्रियों को अपने वाहनों में ही कचरे के लिए बैग रखने की भी सलाह भी दी जा रही है। बोर्ड की दूसरी रणनीति श्रद्धालुओं और यात्रा में आने वाले दूसरे स्थानीय लोगों को प्लास्टिक का विकल्प दिए जाने की है। इस दौरान बोर्ड की तरफ से प्लास्टिक की बोतलों के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम लगाया जा रहा है।
बोर्ड चारधाम यात्रा रूट पर क्लॉथ बैग मशीन भी उपलब्ध करवाएगा। डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के जरिए लोग प्लास्टिक की बोतलों को यात्रा रूट पर मौजूद मशीनों में वापस जमा कर कुछ पैसे वापस ले सकते हैं। साथ ही क्लॉथ बैग मशीन के जरिए श्रद्धालुओं को कपड़े के बैग उपलब्ध होंगे, जिसमें वह अपना कचरा रख पाएंगे।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, यदि इन सभी प्रयासों के बावजूद जो यात्री प्लास्टिक फ्री यात्रा अभियान में सहयोग नहीं करते है, उनके लिए सख्त कार्रवाई अमल में लाने का निर्णय लिया गया है। यात्रियों पर ₹500 से लेकर हजारों रुपए तक जुर्माने के रूप में कार्रवाई हो सकती है। साथ ही बोर्ड में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी सिंगल प्लास्टिक उपयोग करने वालों पर कार्रवाई के लिए कहा गया है।
सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पराग मधुकर धकाते ने बताया, “चारधाम यात्रा के दौरान देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु भारी संख्या में उत्तराखंड आते है। यात्रा के दौरान यह यात्री राज्य के कई जनपदों से होकर पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित धामों तक पहुंचते है। चार धाम पहुंचने के बीच विभिन्न जगहों से आने वाले यात्री अपने साथ प्लास्टिक कचरा लेकर भी आते हैं और यह कचरा उत्तराखंड में ही रह जाता है।”
उन्होंने कहा, “राज्य में चार धाम यात्रा में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए बोर्ड में कुछ बड़े निर्णय लिए हैं और इस बार यात्रा के दौरान इन सभी रणनीतियों पर काम करते हुए यात्रा को प्लास्टिक फ्री करने का प्रयास किया जाएगा।”
बता दें, कि देवभूमि में प्रत्येक वर्ष चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है। इस बार भी अनुमान लगाया जा रहा है, कि यात्रियों की संख्या पचास लाख से ज्यादा पहुंच सकती है। राज्य सरकार चारधाम यात्रा को सुरक्षित व सुविधाजनक बनाने के साथ ही यात्रा को पर्यावरण के लिहाज से अनुकूल बनाने के लिए भी प्रयासरत है।