
मुखबा में पीएम मोदी का दिखा अलग अंदाज,(चित्र साभार: @BJP4India)
एक दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड के सीमांत जिले उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुखबा गांव में मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर विधिवत पूजा-अर्चना की। इस अवसर पीएम मोदी ने माँ गंगा से देशवासियों के लिए सुख – समृद्धि की कामना की। हर्षिल में पीएम मोदी ने कहा, कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे मां गंगा के मायके आने का मौका मिला।
उल्लेखनीय है, कि शीतकालीन यात्रा पर देवभूमि आए पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री धामी की शानदार बॉन्डिंग दिखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जब जहां मौका मिला, उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को शाबासी दी और उन्हें प्रोत्साहित करते हुए दिखाई दिए। संबोधन समाप्त कर सीएम धामी जैसे ही प्रधानमंत्री के नजदीक पहुंचे, तो पहले उन्होंने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और बाद में मुख्यमंत्री की पीठ भी थपथपा दी।
उत्तराखण्ड में संचालित शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित करने हेतु आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का मुखवा-हर्षिल (उत्तरकाशी) आगमन पर हार्दिक स्वागत कर मोक्षदायिनी माँ गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा मंदिर की प्रतिकृति भेंट की। pic.twitter.com/pW4gkn9i4c
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 6, 2025
दरअसल, एक-के-बाद एक धाकड़ फैसले लेने और उन्हें अमल में लाने के मुख्यमंत्री धामी के अंदाज को केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर पसंद किया जा रहा है। फिर चाहे समान नागरिक संहिता हो अथवा राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सीएम धामी को भरपूर शाबासी मिली है। अब शीतकालीन यात्रा के लिए धामी सरकार के प्रयासों पर पीएम मोदी संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में इसका बार-बार उल्लेख भी किया। उन्होंने शीतकालीन यात्रा के उत्तराखंड से जुड़े आर्थिक विषयों को रेखांकित करते हुए इसे अभिनव पहल बताया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने सीएम धामी को छोटा भाई और ऊर्जावान मुख्यमंत्री कहते हुए संबोधित किया। उन्होंने अपनी केदारनाथ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, कि यह दशक उत्तराखंड का बन रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार बढ़िया काम कर रही है।
गौरतलब है, कि हर्षिल में आयोजित प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा के दौरान को क्षेत्रवासियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। आयोजन स्थल मोदी-मोदी के नारे गूंज उठा। इस पर प्रधानमंत्री ने विनम्रता से हाथ जोड़ लिए। बता दें, कि मुखीमठ (मुखवा) को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने और प्रदेश की सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत को सशक्त बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री की यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है।