वर्तमान में सोलर ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है। बड़े सोलर प्लांटों के साथ घरों की छतों पर भी छोटे-छोटे सोलर प्लांट लगाने के लिए राज्य सरकार समय-समय पर खास स्कीम पेश करती रहती है। सामान्य व्यक्ति भी अपने घर की छत के छोटे से हिस्से में सोलर प्लांट लगाकर सालाना बिजली के खर्च में कटौती कर सकता है। इसी बीच ऊर्जा मंत्रालय ने नागरिको को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी बढ़ा दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट योजना की सब्सिडी को दोगुना कर दिया है। अब एक किलोवाट पर 17 हजार के बजाय 35 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। केंद्र के निर्देशों के तहत उत्तराखंड सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली सीधे यूपीसीएल के ग्रिड में जाती है। बिजली करीब 4.25 रुपये प्रति यूनिट यूपीसीएल खरीदता है। आपका जो घरेलू बिजली बिल आता है, उसमें से इतनी ही बिजली कम कर दी जाती है। अगर घरेलू जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा हो रही है, तो उसका भुगतान भी यूपीसीएल करता है।
एक किलोवाट के प्रोजेक्ट पर लगभग 55 हजार की लगात आती है। इस पर अभी तक 17,662 रुपये सब्सिडी मिलती थी। इतना ही राज्य अंश होने के चलते अब एक किलोवाट पर 35,324 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इस लिहाज से एक किलोवाट पर सिर्फ 20 से 22 हजार रुपये का खर्च आएगा। एक किलोवाट से सालभर में करीब 1200-1400 यूनिट बिजली पैदा होती है। यानी करीब 100-120 यूनिट प्रतिमाह।
बता दें, कि सोलर एनर्जी सूर्य से निकलने वाली ऊष्मा है, जिसे एक तकनीक के माध्यम से विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है। गौरतलब है, कि यह ऊर्जा का एक ऐसा स्त्रोत है, जो कभी समाप्त नहीं हो सकता है और भारत में इस क्षेत्र में संभावनाओं की कोई कमी भी नहीं है। सोलर पैनलों को आम तौर पर बहुत कम रखरखाव की जरुरत होती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट solarrooftop.gov.in पर आवेदन करना होगा।
उल्लेखनीय है, कि वर्तमान में उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएन) के तहत 1396.1 मेगावाट की जल विद्युत परियोजनाएं संचालित की जा रही है। 440.5 मेगावाट की जल विद्युत परियोजनाओं पर निर्माण कार्य चल रहा है। इसके साथ ही सौर ऊर्जा के करीब 60 प्रोजेक्ट चल रहे है, लेकिन इसके बावजूद बिजली आपूर्ति की मांग कई गुना ज्यादा है।