देवभूमि उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित धरती का स्वर्ग कही जानी वाली फूलों की घाटी में इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक पर्यटक पहुंच रहे है। पर्यटन विभाग के अनुसार, बीते एक माह में वैली ऑफ फ्लावर्स में साढ़े तीन हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंच चुके है, जबकि पिछले साल एक माह में दो हजार पर्यटक ही घाटी में पहुंचे थे। पर्यटकों की वृद्धि से वन विभाग के राजस्व में भी इजाफा हुआ है।
उल्लेखनीय है, कि उत्तराखंड प्राकृतिक खूबसूरती के लिए विश्व विख्यात है। पहाड़ों की गोद में बसी फूलों की घाटी को प्रत्येक वर्ष पर्यटकों के लिए 1 जून को खोली जाती है। इस साल एक जून से 30 जून तक घाटी में 3576 पर्यटक पहुंचे है, जबकि पिछले साल एक माह में 2066 पर्यटक ही घाटी पहुंचे थे। इस बार विदेशी पर्यटकों की संख्या 31 है जबकि पिछले साल 26 विदेशी पर्यटक पहुंचे थे। पिछले साल एक माह में जहां वन विभाग को तीन लाख 12 हजार की आय प्राप्त हुई थी, वहीं इस वर्ष सात लाख आठ हजार 720 रुपये की आय प्राप्त हुई है।
फूलो की घाटी में जुलाई और अगस्त महीने में सबसे ज्यादा पर्यटक घूमने आते है। इस दौरान वैली में 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। वहीं 31 अक्तूबर को शीतकाल ऋतु के आगमन पर फूलो की घाटी को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की वनक्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने अमर उजाला को बताया, कि इस वर्ष फूलों की घाटी में पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ी है। जिस वजह से विभाग की आय में भी वृद्धि हुई है।
जानकारी के लिए बता दें, कि फूलों की घाटी विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है। फूलों की घाटी 87.5 वर्ग किलोमीटर तक फैली हुई है। प्रत्येक साल वैली में देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। वैली ऑफ फ्लावर्स में फूलों के अलावा कई दुर्लभ हिमालयी पौधों की प्रजातियां भी पाई जाती है और जैव विविधता का खजाना भी है। फूलों की घाटी से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के प्राकृतिक नजारों का लुफ्त भी उठाया जा सकता है।