
चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू
विश्वप्रसिद्ध चारधाम यात्रा का शुभारंभ अक्षय तृतीया की शुभ तिथि 30 अप्रैल पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हो जाएगा। जबकि दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। इसी क्रम में चारधाम यात्रा के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो गये है। साथ ही हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए भी रजिस्ट्रेशन खोल दिये गये है।
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने बताया, कि इस बार आधार प्रमाणित पंजीकरण किए जाएंगे। पंजीकरण करते समय आधार कार्ड का विवरण देना अनिवार्य किया गया है। वहीं यात्रा के लिए इस बार 60 फीसदी रजिस्ट्रेशन ही ऑनलाइन होंगे, जबकि 40 प्रतिशत पंजीकरण ऑफलाइन किए जाएंगे। चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश में केंद्र स्थापित किये गये है।
चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण यात्रा शुरू होने से 10 दिन पहले शुरू होंगे। श्रद्धालु अगर हेलीकॉप्टर से केदारनाथ, बदरीनाथ के दर्शन करने आ रहे हैं तो उन्हें बिना रजिस्ट्रेशन के हेलीकॉप्टर का टिकट नहीं मिलेगा। इसके अलावा श्रद्धालु इस बात का ध्यान रखें, कि अगर वह अपनी गाड़ी से आ रहे हैं, तो गाड़ी के दस्तावेज और अपने साथ चलने वाले ड्राइवर का सम्पूर्ण ब्योरा रखे।
उत्तराखण्ड के विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण शुरू।#ChardhamYatra#Uttarakhand pic.twitter.com/tzEjrVTgRb
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) March 20, 2025
उत्तराखंड चारधाम यात्रा में इस बार यात्रियों के साथ बाहर से आने वाले निजी वाहनों का भी रजिस्ट्रेशन होगा। इसके साथ ही वाहनों के स्वामियों को डिक्लेरेशन फॉर्म भी ऑनलाइन भरना होगा। जिन बाहरी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, उन गाड़ियों को ऋषिकेश में ही पार्क कराया जाएगा और उन यात्रियों को स्थानीय व्यवसायिक वाहन से यात्रा पर जाना होगा।
बताया जा रहा है, कि उत्तराखंड में दाखिल होने के बाद चारधाम यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं को लगभग तीन चेक पोस्ट पर रोका जा सकता है। इस दौरान यात्रियों के पंजीकरण के साथ-साथ वाहन के कागजात और आधार कार्ड चेक किए जाएंगे। उत्तराखंड में प्रवेश करने वाली सभी सीमाओं पर भी वाहनों की चेकिंग अनिवार्य की गई है।
गौरतलब है, कि प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुगम व सुरक्षित यात्रा के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में कई सुधार करने जा रही है। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया, कि केदारनाथ में 17 बेड और बदरीनाथ में 45 बेड का अस्पताल संचालित किया जाएगा। इसके अलावा यात्रा मार्ग पर 25 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। जिससे श्रद्धालुओं को तत्काल उचित चिकित्सा सहायता मिल सके।