जनपद टिहरी के तहसील धनोल्टी के ग्राम मरोड़ा में शनिवार देर रात्रि हुई भारी बारिश से एक घर की दीवार ध्वस्त हो गई। इस दौरान घर के अंदर सो रहे दो बच्चों की मलबे में दबने से दर्दनाक मृत्यु हो गई, जबकि बच्चों के दादा प्रेमदास (60) के पैर पर हल्की चोट आई है। बच्चों के माता-पिता दूसरे कमरे में सो रहे थे। हादसे के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
डी डी न्यूज उत्तराखंड की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने आपदा प्रभावित परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान विधायक ने हादसे में हुई जनहानि पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। घटना के बारे में जिलाधिकारी ने बताया, कि भारी वर्षा के कारण गधेरे में भारी मात्रा में पानी बढ़ गया, जिससे मकान की दीवार ढह गई और एक बड़ा हादसा हो गया।
टिहरी जिले की धनोल्टी तहसील के ग्राम मरोड़ा में देर रात बारिश से एक मकान के पीछे की दीवार टूट गई, जिसमें दो बच्चों की दबकर मौत हो गई। धनोल्टी के विधायक प्रीतम सिंह पंवार और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने प्रभावित परिवार से मिलकर हादसे में हुई जनहानि पर गहरा दुःख व्यक्त किया। pic.twitter.com/y1Hs9Pj7ev
— DD NEWS UTTARAKHAND (@DDnews_dehradun) August 6, 2023
रिपोर्ट्स के अनुसार, मरोड़ा में प्रवीण दास के मकान के पीछे की दीवार टूटने की दुर्घटना में स्नेहा पुत्री प्रवीण दास (12) एवं रणवीर पुत्र प्रवीण दास (10), निवासी ग्राम मरोड़ा की मृत्यु हो गई। साथ ही दादा प्रेमदास (55) घायल हो गए। हादसे की सूचना पर राजस्व उप निरीक्षक ल्वारखा, पुलिस चौकी सत्यो रात को मौके पर पहुंची, और रेस्क्यू अभियान चलाया।
बच्चों को मलबे से निकाल कर 108 सेवा की मदद से पीएचसी सत्यो ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने बच्चों को मृत घोषित कर दिया। क्षेत्रीय विधायक एवं जिलाधिकारी द्वारा पीड़ित परिवार को तत्काल अनुग्रह धनराशि रुपये 8 लाख, ग्रह अनुदान 1.30 लाख व अहेतुक धनराशि 5 हजार राहत के तौर पर दी। इसके अतिरिक्त 4 राहत सामग्री/खाद्यान्न किट दी गयी।
रिपोर्ट्स के अनुसार प्रवीण दास गांव में खेती-बाड़ी का काम करते है। उनका एक और छोटा बेटा भी है, जो उस रात माता पिता के साथ सोया हुआ था, जबकि मृतक स्नेहा और रणवीर दादा प्रेमदास और दादी गंगा देवी के साथ दूसरे कमरे में सोए हुए थे। भारी बारिश की आवाज सुनकर दादा प्रेमदास बच्चों को जगाने के लिए जैसे ही उठे उसके कुछ ही क्षणों में कमरे की दीवार टूट कर दोनों बच्चों के ऊपर गिर गई।