लेखपाल भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण के बाद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में काम करने वाले हर कर्मचारी की निगरानी हो सकती है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस विभाग ने आयोग को पत्र लिखकर आयोग के बाहर से लेकर अंदर तक जांच करने की मंजूरी मांगी है। बताया जा रहा है, कि पुलिस विभाग शीघ्र ही लोक सेवा आयोग में तैनात कर्मचारियों की सूची मांग सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड लोक सेवा की प्रतिष्ठा पर धब्बा लगाने वाले लेखपाल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में सात आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब एसटीएफ के निशाने पर हरिद्वार के विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के कुछ प्रोफेसर समेत आधा दर्जन कोचिंग सेंटर में पढ़ाने वाले टीचर है। बताया जा रहा है, ये लोग लीक पेपर को हल करने में नकल माफिया के गिरोह की मदद करते थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, लेखपाल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच अब स्पेशल इंवेस्टिगेटिंग टीम (SIT) करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की जाँच के लिए एसआईटी कर दी है। पिछले वर्ष अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षा धांधली का खुलासा करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले व वर्तमान में हरिद्वार जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह को एसआईटी का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
पेपर लीक प्रकरण में जेल में बंद मुख्य आरोपित संजीव चतुर्वेदी और उसकी पत्नी रितु व अन्य को जाँच टीम जल्द पुलिस रिमांड में ले सकती है। पेपर लीक करने के मामले में फंसे आयोग के अतिगोपनीय अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की पत्नी को लेकर कई अहम जानकारियां सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, स्वाभाव से बेहद तेज-तर्रार रितु का आयोग के कार्यालय में आना जाना था। अंदाजा लगाया जा रहा है, कि पैंसों की भूख को पूरा करने के लिए उसने ही पेपर लीक के लिए पति को उकसाया होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेपर लीक प्रकरण में मुख्य आरोपित संजीव की पत्नी रितु के मोबाइल से ही पेपर की फोटो खींची गई थी। एसटीएफ को आरोपित संजीव के घर से एक डायरी भी हाथ लगी है। डायरी में कुछ अभ्यर्थियों के नाम दर्ज है। एसटीएफ के अनुसार, मुख्य आरोपित संजीव और उसकी पत्नी की गिरफ्तारी के बाद उनके घर की तलाशी में कुछ नकदी और एक डायरी बरामद की गई है। डायरी के आधार पर पुलिस जल्द ही और नकलचियों के पास पहुंच सकती है।
जानकारी के अनुसार, पेपर लीक घोटालें का खुलासा करने के पहले दिन से ही एसटीएफ के पास संजीव चतुर्वेदी से जुड़ी अहम जानकारियां उपलब्ध थी, लेकिन अन्य अहम सुराग रितु की गिरफ्तारी के बाद सामने आये। जाँच के दौरान पता चला, कि पेपर लीक से एकत्रित की गई रकम का बंटवारा कैश की जगह यात्रा टिकट और अन्य माध्यम से किया गया। एसटीएफ आरोपितों के बैंक अकाउंट में हुए लेन-देन और विदेश यात्राओं का ब्यौरा जुटा रहा है।