पिथौरागढ़ जनपद स्थित विश्व प्रसिद्ध पाताल भुवनेश्वर गुफा में श्रद्धालु एक अगस्त से दर्शन नहीं कर पाएंगे। स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से पाताल भुवनेश्वर गुफा में एक अगस्त से 15 अक्टूबर तक श्रद्धालुओं का प्रवेश नहीं होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षक के आदेश पर मंदिर कमेटी ने ढाई महीने के लिए गुफा को बंद करने का निर्णय लिया है। पुरातत्व विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए है।
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नीलम भंडारी ने बताया, कि पाताल भुवनेश्वर गुफा में प्रत्येक वर्ष जुलाई माह से अक्टूबर मध्य माह तक ऑक्सीजन की कमी रहती है। अंदर चारों ओर काई जमने से फिसलन बढ़ जाती है। पानी अधिक होने से चलने में परेशानी होती है। गुफा के अंदर नमी इतनी अधिक हो गई है, कि वहां धूपबत्ती जलाने के लिए माचिस तक नहीं जल रही है। जिस कारण सुरक्षा के मद्देनजर गुफा को ढाई माह तक बंद रखा जाता है।
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ने बताया, कि पुरात्वविद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देहरादून मंडल अधीक्षक के आदेशानुसार गुफा को एक अगस्त से 15 अक्टूबर तक बंद रखा जाएगा। इस अवधि में कोई भी गुफा के दर्शन नहीं कर पाएगा। बता दें, कि गंगोलीहाट तहसील मुख्यालय से लगभग 13 किमी दूर विश्व प्रसिद्ध पाताल भुवनेश्वर गुफा के दर्शनों के लिए प्रतिदिन भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। इसके साथ ही इस पौराणिक महत्व के मंदिर में देशी-विदेशी पर्यटकों की भी आवाजाही बनी रहती है।
गौरतलब है, कि भगवान शिव को समर्पित पवित्र सावन माह के दिनों में पाताल भुवनेश्वर गुफा में श्रद्धालुओं की बेहद भीड़ बनी हुई है। वहीं अभी सावन माह खत्म होने में लगभग दो हफ्ते का समय शेष है। इस वर्ष मार्च से शुरू हुए सीजन में देश-विदेश के 90,000 से अधिक पर्यटकों ने पाताल भुवनेश्वर गुफा के दर्शन किए है। बता दें, कि पिथौरागढ़ जनपद स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा का उल्लेख पुराणों में भी किया गया है।