आज उत्तराखंड का स्थापना दिवस है। उत्तराखंड राज्य अपनी स्थापना के 24 वर्ष पूरे करके 25वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। बता दें, कि उत्तराखंड की स्थापना 9 नवंबर 2000 को हुई थी। 25वें उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से प्रदेशवासियों को स्थापना दिवस की शुभकानाएं दी, साथ ही राज्यवासियों और पर्यटकों से नौ आग्रह भी किए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि उत्तराखंड में विकास का महायज्ञ चल रहा है। आज मैं उत्तराखंड के राज्य स्थापना दिवस के मौके पर लोगों से नौ आग्रह कर रहा हूं, जिसमें पांच आग्रह उत्तराखंड के लोगों से और चार आग्रह पयर्टकों से हैं। पीएम मोदी ने कहा, कि उत्तराखंड जिस सपने के साथ बना उसे साकार किया जा रहा है। मैंने बाबा केदारनाथ के चरणों में बैठकर कहा था, कि ये दशक उत्तराखंड का दशक है।
पीएम मोदी ने कहा, मेरा ये विश्वास अडिग है। और सरकार इसे साकार कर रही है। कई मामलों में उत्तराखंड देश में नंबर वन है। सरकार विकास के साथ विरासत को भी सहेजती है। उन्होंने कहा, केदारनाथ धाम में दिव्य निर्माण किया जा रहा है। बद्रीनाथ में भी विकास किया जा रहा है। चारधाम यात्रा को सुगम किया जा रहा है।
देवभूमि उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष पर प्रदेश के मेरे सभी परिवारजनों को बहुत-बहुत बधाई। ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा।https://t.co/TRPbKMur2c
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा, कि जब मैं माणा गांव गया था मुझे अपार स्नेह देखने को मिला था। वहीं से वाइब्रेंट विलेज की शुरुआत की गई। ऐसे ही प्रयासों का परिणाम है, कि पर्यटन को गति मिल रही है। इस साल उत्तराखंड में छह करोड़ पर्यटक पहुंचे हैं। चार धाम में 54 लाख पर्यटक पहुंचे। इससे स्थानीय कारोबार को लाभ हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा, कि आज उत्तराखंड ऐसी नीतियां बना रहा है, जो देश के लिए उदाहरण बनी हैं। यूसीसी, नकल विरोधी कानून से नकल माफिया पर सख्त कार्रवाई की गई। इसका परिणाम है, कि अब समय पर भर्तियां हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, उत्तराखंड राज्य ने गहन अध्ययन करने के बाद राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किया, जिसे मैं सेकुलर सिविल कोड कहता हूं।
पीएम मोदी ने कहा, कि आज 9 नवंबर उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मैं सभी उत्तराखंड वासियों और उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों से नौ आग्रह कर रहा हूं।
उत्तराखंडवासियों से आग्रह
- स्थानीय बोलियों का संरक्षण करें अपनी पीढ़ियों को सिखायें
- प्रकृति और पर्यावरण के प्रेमी उत्तराखंडवासी है, ये पूरा देश जानता है। हर महिला माां नंदा का स्वरूप। एक पेड़ मां के नाम लगाए
- नदी नौलों का संरक्षण करें।
- अपनी जड़ों से जुड़े रहे। अपने गांव लगातार जाएं।
- अपने गांव के पुराने घरों जिन्हें आप तिबारी वाले घर कहते हैं। इन्हें भूले नहीं। होम स्टे बनाए जिससे आय बढ़ेगी।
पर्यटकों से आग्रह
- जब भी आप पहाड़ों पर घूमे तो स्वच्छता का ध्यान रखें।
- वोकल फॉर लोकल का ध्यान रखें। कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय प्रोडक्ट पर खर्च करें।
- पहाड़ पर ट्रैफिक नियमों का ध्यान रखें।
- धार्मिक स्थलों के रीति रिवाजों का ध्यान रखें, मर्यादा का ध्यान रखें।