उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक गायक प्रह्लाद मेहरा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। प्रह्लाद मेहरा के निधन से लोक संगीत जगत को बड़ी क्षति पहुंची है। प्रह्लाद मेहरा ने हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोक गायक प्रहलाद मेहरा के निधन पर शोक प्रकट किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहाड़ी संस्कृति के ध्वजवाहक प्रह्लाद मेहरा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक्स पोस्ट के माध्यम से कहा, “प्रदेश के सुप्रसिद्ध लोक गायक श्री प्रह्लाद मेहरा जी का निधन लोक संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। प्रह्लाद दा ने लोक संगीत के माध्यम से हमारी संस्कृति को विश्व पटल पर पहचान देने का अविस्मरणीय कार्य किया। आपके द्वारा गाए गए गीत सदैव देवभूमि की संस्कृति को आलोकित करेंगे।”
प्रदेश के सुप्रसिद्ध लोक गायक श्री प्रह्लाद मेहरा जी का निधन लोक संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
प्रह्लाद दा ने लोक संगीत के माध्यम से हमारी संस्कृति को विश्व पटल पर पहचान देने का अविस्मरणीय कार्य किया। आपके द्वारा गाए गए गीत सदैव देवभूमि की संस्कृति को आलोकित करेंगे।
ईश्वर… pic.twitter.com/Z9uDyaKt6M
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) April 10, 2024
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार (10 अप्रैल 2024) को अचानक प्रह्लाद मेहरा का स्वास्थ्य खराब होने पर उनके परिजन हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने प्रह्लाद मेहरा को मृत घोषित कर दिया। प्रह्लाद मेहरा के निधन की सूचना पर उत्तराखंड के कई लोक कलाकारों ने उनके आवास पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की।
बता दें, कि प्रह्लाद मेहरा कुमाऊं के प्रसिद्ध लोकप्रिय गायक थे, जो निरंतर उत्तराखंड की लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने का भगीरथ प्रयास कर रहे थे। प्रह्लाद मेहरा मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के नाचनी मल्ला भैंसकोट के रहने वाले थे। वर्तमान में प्रह्लाद मेहरा हल्द्वानी के बिंदुखत्ता में रह रहे थे। उनके माता-पिता कुछ दशक पहले बिंदुखत्ता आकर बस गए थे। लोक गायकी के क्षेत्र में प्रह्लाद मेहरा ने कई उपलब्धियां प्राप्त की। वर्तमान में प्रह्लाद मेहरा हल्द्वानी में परिवार समेत बस गए थे।