अल्मोड़ा के बिनसर अभयारण्य के जंगलों में लगी भीषण आग में झुलसे पीआरडी जवान कुंदन नेगी (44) ने 18 दिन बाद दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। इसी के साथ ही इस दर्दनाक हादसे में मृतकों की संख्या अब बढ़कर छह हो गई है। पीआरडी जवान की मृत्यु की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर छा गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार (30 जून 2024) की तड़के दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान जंगल में लगी आग में झुलसे पीआरडी जवान कुंदन नेगी (44) निवासी खाखरी, भैसियाछाना ब्लाक की मौत हो गई है। वह बीते 18 दिनों से अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे थे। डीएफओ सिविल सोयम हेम चंद्र गहतोड़ी ने मीडिया को बताया, कि वह 50 फीसदी से अधिक झुलस गए थे। चिकित्सकों की लगातार कोशिशों के बाद भी उनके प्राण नहीं बचाये जा सके।
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— Amar Ujala Dehradun (@AU_DehradunNews) June 30, 2024
बता दें, कि 13 जून को बिनसर अभयारण्य में भीषण आग लगने की सूचना वन विभाग को मिली थी। सूचना पर वन कर्मी आग बुझाने के लिए मौके पर जा रहे थे। इस दौरान जंगल की आग की चपेट में आकर वन बीट अधिकारी त्रिलोक सिंह मेहता, फायर वॉचर करन आर्या, वन श्रमिक दीवान राम और पीआरडी जवान पूरन सिंह की जिंदा जलने से मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि फायर वॉचर कृष्ण कुमार, पीआरडी जवान कुंदन नेगी, वाहन चालक भगवत सिंह और वन श्रमिक कैलाश भट्ट आग में बुरी तरह झुलस गए थे।
गंभीर रूप से घायल कर्मचारियों को उपचार के लिए दिल्ली एम्स रेफेर किया गया था। हादसे के छठे दिन फायर वॉचर कृष्ण कुमार की 20 जून को मौत हो गई। वहीं, 18 दिन बाद पीआरडी जवान कुंदन नेगी ने भी उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है। जबकि दो अन्य कर्मचारी अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम हेम चंद्र गहतोड़ी के अनुसार, कि घायलों की स्थित ठीक है। पीड़ितों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है।