उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग हादसे से 17 दिनों बाद वहाँ फँसे 41 श्रमिकों को बीते मंगलवार को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। वहीं बुधवार सुबह भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर पर सवार होकर उत्तरकाशी सुरंग से बचाए गए 41 कर्मचारी ऋषिकेश पहुंचे। अखिल भारतीय आयुर्वेद विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में पहुंचाए गए श्रमिकों की प्राथमिक जांच के पश्चात एम्स अस्पताल प्रशासन ने श्रमिकों का हेल्थ बुलेटिन जारी किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, “ऋषिकेश के अस्पताल प्रशासन के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने कहा, कि यह कहना मुश्किल है, कि कर्मचारियों को अस्पताल में कितना वक्त लगेगा। डॉक्टरों की एक टीम द्वारा प्रारंभिक मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद ही हम स्पष्ट रूप से कुछ कह पाएंगे। उन्हें शायद 24 घंटे यहीं रहना होगा।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Doctor Narendra Kumar, Assistant Professor, Hospital Administration, AIIMS Rishikesh says, "All 41 workers have been brought to us…None of them have suffered any injuries…Main role is of psychiatry and internal medicine and… pic.twitter.com/oQPpcisjxw
— ANI (@ANI) November 29, 2023
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है, कि सिल्कयारा सुरंग के अंदर बचाव अभियान में काम करने वाले सभी कर्मियों को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। श्रमिकों के सफलतापूर्वक निकाले जाने के बाद सीएम धामी ने ऐलान किया था, कि सरकार अब यहाँ बौखनाग देवता का मंदिर बनवाएगी। बता दें, सुरंग में दुर्घटना होने के पश्चात स्थानीय लोगों ने बताया था, कि जहाँ सुरंग बन रही है, वहाँ पर पहले क्षेत्र के रक्षक बौखनाग देवता का स्थान था।
जय बाबा बौख नाग!
बाबा की कृपादृष्टि सभी भक्तजनों पर बनी रहे, ऐसी कामना करता हूँ। pic.twitter.com/X1B1IzXVdb
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 29, 2023
उल्लेखनीय है, कि सुरंग के बाहर स्थापित किए गए बौखनाग देवता के मंदिर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह और घटनास्थल पर पहुँचे अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स ने भी पूजा-अर्चना की है। टनल विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स ने बचाव अभियान खत्म होने के बाद मंदिर में जाकर पूजा की है। उन्होंने कहा, कि रेस्क्यू सफल रहा है, इसलिए वे देवता को धन्यवाद ज्ञापित करने गए थे।
रेस्क्यू अभियान की सफलता के बाद बचाए गए श्रमिकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेलीफोन पर उनसे बात की। पीएम मोदी ने कहा, कि ये केदारनाथ बाबा की कृपा रही, कि आप सब सकुशल बाहर आए है। 41 श्रमिकों में शामिल कोटद्वार के गब्बर सिंह नेगी की तारीफ करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “देखो गब्बर सिंह, मैं तुम्हें तो विशेष रूप से बधाई देता हूँ, क्योंकि मुझे डेली रिपोर्ट में हमारे मुख्यमंत्री जी बताते थे, कि आप दोनों ने जो लीडरशिप दी और जो टीम स्प्रिट दिखाई, मुझे तो लगता है, कि शायद किसी यूनिवर्सिटी को एक केस स्टडी तैयार करनी पड़ेगी।”
प्रधानमंत्री – गब्बर सिंह नेगी संवाद ❤️ pic.twitter.com/wDNEbW2qJZ
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) November 29, 2023
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लगभग 400 घंटे चले रेस्क्यू अभियान के दौरान वो गब्बर सिंह नेगी ही थे जो मजदूरों को मानसिक रूप पर मजबूत करते रहे। यही नहीं, गब्बर सिंह के जरिए ही सीएम से लेकर सभी ने मजदूरों से संपर्क साधा। सब उनके इस सहज नेतृत्व की जमकर प्रशंसा सराहना करते रहे है। दीवाली की सुबह 12 नवंबर, 2023 को हादसे के दिन इस साइट पर गब्बर सिंह नेगी बतौर फोरमैन तैनात थे।
गब्बर सिंह नेगी ने बताया, भूस्खलन की वजह से सुरंग में मलबा गिरने से कुछ देर पहले ही वो सुरंग के अंदर गए थे। हादसे के दौरान उनके बेहद नजदीक आकर मलबा गिरा और वो वहीं फँसे रह गए। गब्बर सिंह नेगी को इन मुश्किल हालातों और भूस्खलन की घटनाओं का खासा अनुभव है। गब्बर सिंह के बड़े भाई जयमल नेगी का कहना था, कि गब्बर सिंह काफी समझदार हैं। वो सभी का हौसला बनाए हुए हैं और सुरंग के अंदर डॉक्टरों की टीम के निर्देशों का पालन भी मजदूरों से वही करवा रहे है।