बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर सुरंग की खुदाई और अन्य निर्माण कार्य वर्ष 2025 के दिसंबर महीने तक पूरे होने की उम्मीद जताई जा रही है। बीते शुक्रवार 8 मार्च को ऋषिकेश स्थित रेल विकास निगम कार्यालय में मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत कुमार यादव ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की कार्य प्रगति के संबंध में प्रेसवार्ता कर मीडियाकर्मियों को नए अपडेट दिए।
मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत कुमार यादव ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया, कि विगत वर्षों में कोरोना की दो घातक लहरों के अलावा विषम भौगोलिक परिस्थितियों तथा जगह-जगह बदलती भूगर्भीय संरचना के कारण परियोजना की प्रगति पर विपरीत असर पड़ा, लेकिन इसके बावजूद निर्माण कार्य अपने लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है, जो निश्चित ही दिसंबर 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
मुख्य परियोजना प्रबंधक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच रेल परियोजना के निर्माण के कारण भूगर्भीय हलचल से कुछ गांव के भवनों, रास्तों तथा सड़कों को क्षति पहुंची है। ऐसे गांव में जिला प्रशासन की ओर से सर्वेक्षण कराकर क्षति का मुआवजा आरवीएनएल द्वारा दिया जा रहा है उन्होंने बताया, कि कुछ स्थानों पर जल स्रोत सूखने की बात भी सामने आई है, जिसके अस्थाई समाधान के अलावा स्थाई समाधान के लिए भी योजना बनाई जा रही है।
बता दें, ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर देश की सबसे लंबी दो रेल सुरंगो का निर्माण भी हो रहा है। ये दोनों सुरंगे देवप्रयाग और ज्ञानसू के बीच निर्माणाधीन है। इन सुरंगों के निर्माण कार्य में टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का प्रयोग हो रहा है, जबकि परियोजना की अन्य सभी सुरंगों का निर्माण ड्रिल एंड ब्लास्ट तकनीक से किया जा रहा है।
रेलवे परियोजना की सबसे लंबी इन दो सुरंगों का निर्माण कार्य भी युद्ध स्तर से किया जा रहा है। अभी तक इन दोनों सुरंग पर क्रमशः 40.21 और 53 फीसदी खुदाई का कार्य किया जा चुका है। अनुमान लगाया जा रहा है, कि दोनों सुरंगों का निर्माण निर्धारित समय से पूर्व अक्टूबर व नवंबर 2024 तक पूर्ण हो जाएगा।