चारधाम आलवेदर सड़क परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में पिछले आठ दिनों से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू अभियान की कमान पीएमओ की टीम द्वारा संभालने के बाद एक साथ छह स्थानों पर काम चल रहा है। ड्रिलिंग के लिए अतिरिक्त और आधुनिक मशीन भी मंगवाई गई है। बचाव अभियान में सीमा सड़क संगठन के जवान, इंजीनियर और लगभग 230 श्रमिकों की टीम युद्ध स्तर पर रेस्क्यू मिशन में जुटी हुई है।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, सुरंगों के मामले में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ अरनॉल्ड डिक्स भी सिल्क्यारा पहुँच चुके हैं। उनके साथ विशेषज्ञों की पूरी टीम है। उन्होंने घटना के रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली और सुरंग का दौरा किया है। उन्होंने उन जगहों का दौरा भी किया है जहाँ से सुरंग में छेद किया जाना है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue operation | International Tunneling Expert, Arnold Dix says "We are going to get those men out. Great work is being done here. Our whole team is here and we are going to find a solution and get them out. A lot of work is being done… https://t.co/ta5cXfBRyv pic.twitter.com/Mfwkxu5UbJ
— ANI (@ANI) November 20, 2023
सुरंग विशेषज्ञ अरनॉल्ड डिक्स ने बताया, “हम टनल में फंसे सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लेंगे। हमारी पूरी टीम यहाँ है और हम जल्द ही मजदूरों को निकालने के लिए कुछ रास्ता निकालेंगे। उन्होंने कहा, कि जरूरी यह है, कि जिन्हें बाहर निकालना है वह सुरक्षित रहें बल्कि साथ-साथ जो रेस्क्यू अभियान में लगे हैं, वह भी सकुशल रहें। पूरी दुनिया हमारी सहायता कर रही है। यहाँ काम कर रही टीम बेहद परिश्रमी है, उनकी योजनाएँ सही लग रही हैं। हम इन लोगों को जल्द ही निकाल लेंगे।”
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue operation | International Tunneling Expert, Arnold Dix says "It is looking good, but we have to decide whether it is actually good or is it a trap. It is looking very positive as we have the best experts in Himalayan geology with… pic.twitter.com/IcnmHjGfRw
— ANI (@ANI) November 20, 2023
उल्लेखनीय है, कि विशेषज्ञों के अलावा सुरंग में रक्षा मंत्रालय से DRDO की रोबोटिक्स टीम भी पहुँची है। यह टीम यहाँ आधुनिक मशीने लेकर पहुँची है। इसके पास छोटे रोबोट से लेकर ड्रोन आदि हैं। बाकी टीमें अब भी सुरंग के भीतर रास्ता बनाने में जुटी हैं । श्रमिकों को भोजन-पानी भी पहुँचाया जा रहा है। साथ ही उनसे बात भी की जा रही है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue operation | DRDO’s Robotics Machine Team reaches Silkyara Tunnel site for the rescue of 41 workers trapped in Silkyara tunnel in Uttarkashi, Uttarakhand.
A part of the Silkyara tunnel collapsed in Uttarkashi on November 12. pic.twitter.com/tbonOtgHqm
— ANI (@ANI) November 20, 2023
पीएमओ में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल और चारधाम आलवेदर रोड परियोजना के ओएसडी भास्कर खुल्बे सिल्क्यारा में कैंप किए हुए है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने चार मोर्चों पर बचाव अभियान चलाने का निर्णय लिया है। सुरंग में करीब 60 मीटर का रास्ता बनाया जाना है। इसमें एक एसजेवीएनल सुरंग के ऊपर, ओएनजीसी सुरंग में तिरछे और टीएचडीसीआईएल सुरंग के दूसरे छोर से रास्ता बना रहे है।
बचाव अभियान में सहायता के लिए सीमा सड़क संगठन के कर्नल आरएस राव भी सिल्क्यारा पहुंच गए है। कर्नल राव ने वर्ष 2015 में हिमाचल प्रदेश स्थित बिलासपुर में सुरंग में फंसे तीन श्रमिकों को निकालने में अहम भूमिका निभाई थी। उस समय 9 दिन तक वर्टिकल ड्रिलिंग के बाद सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकाला गया था। कर्नल राव के अनुसार, सिल्क्यारा में वर्टिकल ड्रिलिंग करने में कुछ देरी हुई है, मगर अभियान सही दिशा में चल रहा है। बीते शनिवार को उन्होंने इलाके का हेलीकॉप्टर से निरीक्षण भी किया था।
गौरतलब है, कि श्रमिकों के फँसने के बाद सबसे पहले मलबा हटाने की कोशिश की गई जो नाकाम रही। इसके बाद मलबे के किनारे से 900 मिलीमीटर व्यास वाले पाइप डालने का प्रयास किया गया, जिसका प्रयास अभी जारी है। इसके लिए ऑगर मशीनें लाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, सुरंग में पहुँचने के लिए अब ऊपर पहाड़ी से भी खुदाई की जा रही है। सुरंग के दूसरे मुहाने से भी खुदाई करके मजदूरों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।