मूल निवास, भू-कानून संघर्ष समिति ने 26 नवंबर से संयोजक मोहित डिमरी के नेतृत्व में देहरादून में आमरण अनशन का ऐलान किया है। बीते सोमवार को कचहरी रोड स्थित शहीद स्मारक में आयोजित एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया। समिति के संयोजक मोहित डिमरी शहीद स्मारक देहरादून में आमरण अनशन पर बैठेंगे, जबकि विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक दल इस मांग के समर्थन में धरना देंगे।
संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया, कि प्रदेश सरकार से 2018 के बाद भूमि कानूनों में हुए संशोधनों को रद्द करने की मांग की गई है। इसके लिए सरकार कैबिनेट बैठक बुलाकर अध्यादेश ला सकती है। उन्होंने कहा, कि सरकार द्वारा भू-कानून का ड्राफ्ट सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इसके साथ ही भूमि कानून की धारा दो को हटाया जाना चाहिए।
बैठक में बताया गया, कि धारा दो की वजह से लगातार निकायों का विस्तार होने से गांव की कृषि भूमि समाप्त हो रही है। संघर्ष समिति ने मांग की, कि पूरे उत्तराखंड में एक जैसा भू-कानून होना चाहिए। मोहित डिमरी ने कहा, कि अभी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में भू-कानून अलग-अलग हैं।
उन्होंने कहा, कि प्रदेश सरकार मूल निवास की परिभाषा तय करे। यूसीसी के कानून में सरकार ने एक साल से रह रहे लोगों को स्थायी निवासी माना है। इस फैसले को भी वापस लिया जाना चाहिए। बैठक में राज्य आंदोलनकारी एवं पूर्व सैन्य अधिकारी पीसी थपलियाल व संतन सिंह रावत ने कहा, अपनी लोक संस्कृति और अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई में हम सभी को आगे आना होगा और युवाओं को इस संघर्ष को ताकत देनी होगी।
उन्होंने कहा, कि यह संघर्ष करो या मरो का है। वही बैठक में मौजूद समानता पार्टी के महासचिव एलपी रतूड़ी, सुरेंद्र सिंह नेगी, महेश सिंह मेहता ने कहा, संघर्ष समिति लंबे समय से सड़कों पर लड़ रही है। हम संघर्ष समिति के साथ हैं। अपनी जमीनों और संसाधनों को बचाने की इस लड़ाई में उत्तराखंड की जनता साथ खड़ी है। वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने भू-कानून और मूल निवास की मांग का समर्थन करते हुए कहा, सरकार को उत्तराखंड की जनता के हित में जल्द निर्णय लेना चाहिए।
बैठक में राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल, महिला अध्यक्ष सुलोचना इष्टवाल, सुराज सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश जोशी, उपनल कर्मचारी संगठन के संयोजक विनोद गोदियाल, ओपीएस के अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, धाद संस्था के सचिव तन्मय ममगाई, संघर्ष समिति के सह संयोजक लुशुन टोडरिया, सचिव प्रांजल नौडियाल, दिनेश भंडारी, हिमांशु धामी, विनय प्रसाद, अंबुज शर्मा, टीएस नेगी, प्रभात डंडरियाल, हेमा रावल, उषा डोभाल आदि उपस्थित रहे।