पंच केदारों में द्वितीय केदार भगवान श्री मद्महेश्वर जी के कपाट सोमवार (22 मई 2023) को विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। ग्रीष्मकालीन दर्शन के लिए कपाट खुलने से श्रद्धालओं में जबरदस्त उत्साह है। ग्रीष्मकाल के लिए कपाट खुलने से पूर्व मद्महेश्वर मंदिर को फूलों से सजाया गया। बता दें, द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम में भगवान शिव के मध्य भाग की पूजा होती है।
पंचकेदारों में शामिल द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर धाम की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के बाद 21 मई को दूसरे पड़ाव स्थल सीमांत गांव गौंडार पहुंची थी। जहां डोली का स्थानीय ग्रामीणों ने पुष्प एवं अक्षतों से जोरदार स्वागत किया। डोली के रवानगी के दौरान सैकड़ों भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा।
वहीं प्रात: 22 मई 2023 को भगवान मद्महेश्वर जी की डोली गौंडार से श्री मदमहेश्वर मंदिर पहुंची तथा 11 बजे पूर्वाह्न को धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गये। बता दें, मद्महेश्वर धाम रुद्रप्रयाग के सीमांत गांव गौंडार से 16 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़कर पहुंचा जाता है।
पंच केदार में द्वितीय केदार भगवान श्री #मद्महेश्वर जी के कपाट आज सुबह 11 बजे विधि विधान और मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये गए है। अब अगले 6 माह तक भगवान मद्महेश्वर की पूजा-अर्चना यहीं पर संपन्न होगी। pic.twitter.com/HJEDxfccnI
— DD NEWS UTTARAKHAND (@DDnews_dehradun) May 22, 2023
गौंडार बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से लगभग 30 किमी दूर स्थित है। 20 मई को द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम रवाना हुई थी। बद्री-केदार मंदिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने जानकारी दी, कि सोमवार को पौराणिक रीति रिवाजों के साथ द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए है।